तेलागंना, 22 जुलाई (आईएएनएस)। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने एक खुला पत्र जारी कर तेलंगाना राज्य सरकार और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी से नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर सार्वजनिक रूप से रूख स्पष्ट करने की मांग की है।
अपने खुले पत्र में केटीआर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कठोर कानूनों, जिनका विभिन्न समूहों ने काफी विरोध किया है। मौलिक नागरिक अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अतिक्रमण के लिए इस कानून की निंदा की जा रही है। आलोचकों को डर है कि ये कानून संभावित रूप से देश के भीतर एक पुलिस राज्य स्थापित कर सकते हैं।
केटीआर बताते हैं कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने पहले ही इन कानूनों का विरोध किया है। ऐसे में तेलंगाना राज्य सरकार को नागरिक अधिकारों के चैंपियन के रूप में राज्य की ऐतिहासिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए। तेलंगाना सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह इन नए आपराधिक कानूनों को वैसे ही लागू करेगी या अन्य राज्यों द्वारा निर्धारित उदाहरणों का पालन करते हुए संशोधन पेश करेगी।
केटीआर ने रेवंत रेड्डी की कांग्रेस सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए केंद्र सरकार को एक पत्र भेजकर इन नए कानूनों की निरंकुश धाराओं में संशोधन की मांग करने को कहा। केटीआर ने चेतावनी दी है कि ऐसा करने में विफलता से राज्य सरकार को सत्तावादी और जनविरोधी माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले सात महीनों से राज्य सरकार छात्रों, युवाओं और सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, इन नए कानूनों के तहत, इस तरह की कार्रवाईयों से तेलंगाना में और भी अधिक दमनकारी माहौल बन सकता है।
केटीआर की मांग है कि कांग्रेस पार्टी, जो लोकतांत्रिक शासन का वादा करके सत्ता में आई थी। उसे राज्य स्तर पर इन खतरनाक कानूनों का विरोध करके और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करके अपना वादा पूरा करना चाहिए।
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी पहले ही इन खतरनाक कानूनों पर अपना विरोध जता चुकी है, लेकिन स्थानीय कांग्रेस सरकार और पार्टी ने अभी तक इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला है।
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