बीजिंग, 25 सितंबर (आईएएनएस)। हांगचो एशियाड की महिला लाइट-वेट डबल स्कल्स के फाइनल में रविवार को चीनी युवती छ्यो श्योफिंग और त्सो च्याछी ने अपना वर्चस्व दिखाकर स्वर्ण पदक जीता । यह हांगचो एशियाड का पहला स्वर्ण पदक है और चीनी खेल प्रतिनिधि मंडल ने लगातार छठी बार एशियाड का पहला स्वर्ण पदक अपने नाम किया। स्वर्ण पदक जीतने के बाद 23 वर्षीय छ्यो श्योफिंग की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। वे अपनी खुशी को नहीं संभाल सकीं और आंखों से आंसू बह निकले उन्होंने बताया कि गेम से पहले मैंने अपने माता-पिता को देखा। मेरे दस साल के रोइंग कैरियर में यह पहली बार है कि वे मेरी प्रतियोगिता देखने आये। उनके समर्थन से मुझे बहुत बल मिला।
उन्होंने बताया कि आज की प्रतियोगिता ने मुझे अधिक विश्वास दिया है। जब मैं पोडियम से उतरी तो नयी आरंभ बिंदु पर खड़ी हो गयी हूं। मैं अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए पूरी कोशिश करूंगी।
छ्यो श्योफिंग का जन्म वर्ष 1999 में दक्षिण चीन के क्वांगतुंग प्रांत के श्योकुएं शहर के पहाड़ों में हुआ। मिडिल स्कूल में दाखिल होने के बाद उनमें खेल प्रतिभा देखी गयी और मार्च 2013 में उन्होंने श्योकुएं शहर के केंद्रीय अमेचर स्पार्ट्स स्कूल में रोइंग का अभ्यास शुरू किया। उस समय उनको तैराकी नहीं आती थी, क्योंकि उनका जन्म और विकास पहाड़ी क्षेत्र में हुआ। नया हुनर सीखने की उनकी ललक के चलते उनकी प्रगति तेज रही।
दो साल के बाद वे क्वांगतुंग प्रांतीय महिला रोइंग टीम में चुनी गयीं। क्वांगतुंग प्रांतीय महिला रोइंग टीम के प्रमुख कोच क्वो श्योपिंग की नजर में रोइंग खिलाड़ियों के बीच छ्यो श्योफिंग की शारीरिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन उनमें एक असाधारण सहनशक्ति है। रोइंग का अभ्यास कठोर है। हर दिन एक ही क्रिया दोहराते हुए दस से अधिक किलोमीटर रोइंग करना है।
प्रतियोगिता की तैयारी में एक दिन लगभग 40 से 50 किलोमीटर तक रोइंग करना है। यह खिलाड़ियों की सहनशक्ति और शारीरिक शक्ति के लिए एक बड़ी परीक्षा है। वर्ष 2021 में राष्ट्रीय खेल समारोह में स्वर्ण पदक जीतने बाद छ्यो श्योफिंग राष्ट्रीय टीम में दाखिल हुईं और उनकी त्सो च्याछी के साथ जोड़ी बनायी गयी।
उस साल के अंत में उन्होंने एशियाई रोइंग चैंपियनशिप का खिताब जीता और मई 2022 में रोइंग विश्व कप के पहले पड़ाव का स्वर्ण पदक हासिल किया। छ्यो श्योफिंग का लक्ष्य वाक्य है कि अपनी सब से उत्कृष्ठ मेहनत करो तो सफलता अवश्य आएगी। उम्मीद है कि एक बार फिर पेरिस ओलंपिक में छ्यो श्योफिंग अपनी साथी के साथ पुरस्कार पोडियम पर चढ़ने में सफल होंगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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