नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के परियोजना विकास व्यय के वित्तीय समर्थन के लिए इंडिया इंफ्रास्ट्रक्च र प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फंड स्कीम (आईआईपीडीएफ योजना) अधिसूचित की है।एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गुरुवार को इसकी सूचना दी गई। केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में, आईआईपीडीएफ योजना केंद्र और राज्य सरकारों दोनों में परियोजना प्रायोजक प्राधिकरणों को आवश्यक धन सहायता प्रदान करके गुणवत्ता पीपीपी परियोजनाओं के विकास में सहायता करेगी। यह देश के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के ²ष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए बैंक योग्य व्यवहार्य पीपीपी परियोजनाओं का एक शेल्फ बनाने के लिए है।
आईआईपीडीएफ योजना के तहत वित्त पोषण 7 दिसंबर, 2020 को अधिसूचित बुनियादी ढांचे (वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना) में पीपीपी को वित्तीय सहायता के लिए पहले से ही परिचालित योजना के अतिरिक्त है, जिसके माध्यम से पीपीपी मोड के माध्यम से शुरू की गई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं जो आर्थिक रूप से उचित हैं लेकिन व्यावसायिक रूप से अव्यावहारिक हैं।
गुणवत्तापूर्ण पीपीपी परियोजनाओं की संरचना में एक महत्वपूर्ण कदम परियोजना प्रायोजक प्राधिकरणों (पीएसए) को गुणवत्ता परामर्श और परामर्श सेवाएं प्रदान करना है।
हालांकि, ऐसी सेवाओं की खरीद एक समय लेने वाली और कठिन प्रक्रिया है जिसके परिणामस्वरूप अक्सर उपयुक्त लेनदेन सलाहकारों (टीए) या पीपीपी परियोजनाओं की गैर-इष्टतम संरचना के ऑनबोर्डिग में देरी होती है।
इन मुद्दों को हल करने के लिए, आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने 1 जुलाई, 2022 को पूर्व-योग्य टीए के एक पैनल को अधिसूचित किया था और इस पैनल के उपयोग के लिए एक मैनुअल विकसित किया था।
अब, आईआईपीडीएफ योजना पीपीपी परियोजनाओं के विकास में लगे लेनदेन सलाहकारों की लागत को पूरा करने में वित्तीय सहायता प्रदान करके, केंद्र और राज्य दोनों सरकारों में पीएसए को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
--आईएएनएस
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