रांची, 3 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड में तय टारगेट के अनुसार शराब नहीं बेच पाने पर राज्य सरकार ने आउटसोसिर्ंग एजेंसियों और थोक विक्रेताओं पर लगभग 48 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सरकार का कहना है कि शराब बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व का लक्ष्य पूरा न हो पाने के लिए ये कंपनियां जिम्मेदार हैं। दरअसल सरकार ने अपनी एक्साइज पॉलिसी में ही यह शर्त लगाई थी कि दुकानों के संचालन का जिम्मा लेने वाली कंपनियां निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं करती हैं, तो उनपर जुर्माना लगाया जाएगा।बता दें कि राज्य में शराब कारोबार में सरकार ने मार्च 2023 तक 2310 करोड़ की राजस्व वसूली का टारगेट रखा है, लेकिन फरवरी महीने तक 1717.71 करोड़ की वसूली ही हो पाई है। यानी अभी भी विभाग लक्ष्य से 592.29 करोड़ पीछे है।
बरकट्ठा के विधायक ने विधानसभा के चालू सत्र में शराब कारोबार से संबंधित सवाल पूछा था। जवाब में विभाग ने माना है कि राजस्व वसूली में लक्ष्य से काफी पीछे है? विभाग ने कहा है कि राजस्व की कम वसूली की वजह से प्लेसमेंट एजेंसी पर 44.17 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि शराब बिक्री की जिम्मेदारी प्लेसमेंट एजेंसी पर ही थी। विभाग ने प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इसके अलावा थोक शराब विक्रेता मे. दीशिता वेंचर्स और मेसर्स ओम साईं विबरेज प्राइवेट लिमिटेड पर 4.16 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। इन दोनों बिक्रेताओं से जुमार्ने की राशि वसूल ली गई है।
हालांकि एक्साइज विभाग का कहना है कि पिछले साल फरवरी तक शराब बिक्री से 1510.3 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। लेकिन इस बार फरवरी तक 1717.71 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है, जो कि पिछले साल की तुलना में 13.73 फीसदी ज्यादा है। ऐसे में विभाग ने पिछले साल के मुकाबले फरवरी तक ने ज्यादा वसूली की है।
--आईएएनएस
एसएनसी/एएनएम