बेंगलुरु, 5 जनवरी (आईएएनएस)। हुबली के प्रथम अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 31 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कार सेवक श्रीकांत पुजारी को सशर्त जमानत दे दी है।भाजपा कर्नाटक इकाई ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शनों की एक सीरीज शुरू की थी। श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए अभियान शुरू किया था।
सूत्रों ने कहा कि श्रीकांत पुजारी को तकनीकी कारणों से शनिवार को ही रिहा किया जाएगा। सरकारी वकील ने रिहाई के खिलाफ दलील दी थी और संजीव एम बदस्कर और टीम ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की थी।
अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि आरोपी श्रीकांत पुजारी 31 साल से फरार है और उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
आरोपी के वकील ने कहा कि श्रीकांत पुजारी पिछले 40 वर्षों से उसी पते पर रह रहा था और उसने अदालतों में जाकर अपने खिलाफ मामलों में जमानत ली थी। पुलिस के सामने भी पेश हुआ था।
श्रीकांत पुजारी को 29 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। कर्नाटक में विपक्ष के नेता (एलओपी) आर. अशोक ने शुक्रवार को कहा कि कार सेवकों को झूठे मामलों में गिरफ्तार करने के लिए भगवान श्री राम मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को कभी माफ नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि सीएम सिद्दारमैया, आपने स्पष्ट रूप से झूठ बोला कि श्रीकांत पुजारी के खिलाफ 16 मामले लंबित हैं। श्री राम तुम्हें कभी माफ नहीं करेंगे। श्रीकांत पुजारी के खिलाफ 16 मामलों में से 15 का तार्किक निष्कर्ष निकाला गया है।
भाजपा की आलोचना के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि वह अब 16 मामलों का सामना नहीं कर रहे हैं। श्रीकांत पुजारी के खिलाफ 16 मामले दर्ज थे लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि वह अब 16 मामलों का सामना कर रहा है।
--आईएएनएस
एफजेड/एबीएम