साइबर मंडे डील: 60% तक की छूट InvestingProसेल को क्लेम करें

यूक्रेन युद्ध, कपास की कीमतों में तेजी से जूझ रहा देश का कपड़ा उद्योग (आईएएनएस साक्षात्कार)

प्रकाशित 03/04/2022, 11:46 pm
© Reuters यूक्रेन युद्ध, कपास की कीमतों में तेजी से जूझ रहा देश का कपड़ा उद्योग (आईएएनएस साक्षात्कार)
CL
-
CT
-

चेन्नई, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (टीईए) के अध्यक्ष राजा ए. षणमुगम कहते हैं कि देश का कपड़ा उद्योग रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी, कंटेनर की कमी और कपास की कीमतों में बढ़ोतरी के संकट से घिरा है।यूरोप को माल निर्यात करने वाले षणमुगम ने कहा कि उद्योग अभी कोविड-19 के संकट से उबर ही रहा था कि यूक्रेन युद्ध ने इसे दोबारा परेशानी में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि तिरुपुर को कपड़ा उद्योग के कारण ही दक्षिण भारत का हॉजियरी कैपिटल और दक्षिण का मैनचेस्टर कहा जाता है, लेकिन अब इस पर संकट के बादल छा गए हैं।

उन्होंने कहा कि जब तक सरकार निर्यात इकाइयों का समर्थन नहीं करती और कच्चे कपास की कीमतों की सख्त निगरानी नहीं करती, तब तक यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के बाद भी उद्योग को संकट का सामना करना पड़ेगा।

आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में षणमुगम ने इस पूरे मसले पर अपने विचार सामने रखे। प्रस्तुत हैं साक्षात्कार के कुछ अंश :

प्रश्न : क्या यूक्रेन युद्ध से तिरुपुर का कपड़ा निर्यात संकटग्रस्त है?

उत्तर : हां, हमें मुश्किल हो रही है, लेकिन अभी इसका पूरा प्रभाव महसूस किया जाना बाकी है और हमें इसका सामना करना होगा। हम पहले ही कंटेनर की भारी कमी के कारण निर्यात में मुश्किलों से जूझ रहे थे।

अब नई मुसीबत यह है कि लगभग सभी यूरोपीय ब्रांडों के रूस और यूक्रेन दोनों में स्टोर हैं, जो अब आर्थिक प्रतिबंधों के कारण बंद हो गए हैं।

एक और मुद्दा है, जो बाजार को प्रभावित करता है और वह है-युद्ध के कारण यूरोप में ईंधन की कीमत में वृद्धि। युद्ध के बाद ईंधन की कीमतों में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आगामी सीजन में भी कपड़ा कारोबार को प्रभावित करेगा।

प्रश्न : क्या कपास की कीमतों में बढ़ोतरी उत्पादन लागत में बढ़ोतरी का कारण है?

उत्तर : हां। कपास की कीमतों में वृद्धि उत्पादन लागत में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है। इसके अलावा लगभग सभी इनपुट लागतें अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गई हैं और इससे उत्पादन लागत में भारी वृद्धि हुई है।

उत्पादन लागत में वृद्धि और प्रमुख बाजारों का बंद होना, तिरुपुर में कारोबार में मंदी का कारण है।

कच्चे कपास पर आयात शुल्क इस समय 11 प्रतिशत है और हम चाहते हैं कि इसे पूरी तरह से हटा दिया जाए। कपास के कारोबार में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल हैं, जो इस आयात शुल्क की आड़ में कीमतें बढ़ा देती हैं। हम चाहते हैं कि सरकार समान अवसर देने के लिए इसे हटा दे।

प्रश्न : यूक्रेन युद्ध का श्रमिकों पर क्या प्रभाव हो रहा है?

उत्तर : यह उद्योग श्रम केंद्रित है और इस युद्ध के प्रभाव से रोजगार की अनिश्चितता पैदा होगी। चुनौतियों के बावजूद उपलब्ध ऑर्डर के कारण हम सब अब तक बने हुए हैं। हमारे पास एक मजबूत श्रम शक्ति है और लगभग छह लाख मजदूर सीधे उद्योग से जुड़े हैं।

हमारे कार्यबल में लगभग 2.5 लाख उत्तर भारतीय मजदूर हैं और हम उन्हें रहने की सुविधा देने के साथ एक अच्छा वेतन भी देते हैं। हम मानते हैं कि मजदूरों की ताकत ही हमारी ताकत है और हम इसी तरह आगे बढ़ते हैं।

प्रश्न : आप संकट से कैसे उबरने की योजना बना रहे हैं?

प्रश्न : हमने ऑर्डर पूरा करने के लिए फिलहाल कोई लाभ न लेने की एक योजना तैयार की है। इससे हमारे भंडार की सामग्री बिक जायेगी और खरीदारों को भी मदद मिलेगी, क्योंकि खुदरा बाजार बंद हैं। हमारा मानना है कि हमें एक टीम के रूप में इस स्थिति से उबरना है और इसी समझ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।

प्रश्न : क्या आपको लगता है कि बांग्लादेश और वियतनाम जैसे अन्य प्रतिस्पर्धी देश इस स्थिति का फायदा उठाएंगे?

प्रश्न : यह समस्या सभी प्रतिस्पर्धियों के सामने भी है और हम यह नहीं कह सकते कि इस संकट में एक देश लाभ प्राप्त कर रहा है। हमारे प्रतिस्पर्धियों के पास, लेकिन विदेश व्यापार समझौते (एफटीए) जैसे अन्य फायदे हैं, जिसके कारण वे लगातार हमारे मुकाबले तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

प्रश्न : तिरुपुर कपड़ा उद्योग का वार्षिक कारोबार कितने का होगा?

उत्तर : हम इस वित्तवर्ष में निर्यात से 33,000 करोड़ रुपये और घरेलू बाजार में 32,000 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं। कुल मिलाकर, चालू वित्तवर्ष में कुल कारोबार के 65,000 करोड़ रुपये के होने की उम्मीद है।

--आईएएनएस

एकेएस/एसजीके

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित