iGrain India - जयपुर । देश के सबसे अग्रणी सरसों उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में रबी सीजन के इस सबसे महत्वपूर्ण तिलहन फसल की अगैती बिजाई में किसान भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप राज्य में अक्टूबर 2024 के अंत तक सरसों का उत्पादन क्षेत्र 18.75 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया जो वर्तमान रबी सीजन के लिए निर्धारित बिजाई लक्ष्य 40.50 लाख हेक्टेयर की 46 प्रतिशत है।
पिछले साल वहां 40-01 लाख हेक्टेयर में सरसों की बिजाई का लक्ष्य नियत किया गया था जबकि 31 अक्टूबर 2023 तक कुल रकबा 22 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा था। इस तरह गत वर्ष की तुलना में चालू सीजन के दौरान सरसों का क्षेत्रफल करीब 3.25 लाख हेक्टेयर पीछे है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान देश में सरसों का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बंगाल एवं गुजरात का नम्बर आता है।
बिहार झारखंड एवं आसाम सहित कुछ अन्य प्रांतों में भी इसका अच्छा उत्पादन होता है। सरसों की बिजाई अक्टूबर से दिसम्बर के बीच होती है जबकि मार्च से इसकी कटाई-तैयारी ज़ोर पकड़ती है।
चालू वर्ष के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य औसत से अधिक बारिश हुई और बांधों-जलाशयों में पानी का भंडार भी बढ़ गया। लेकिन राजस्थान के कुछ भागों में वर्षा का अभाव रहा जिससे खेतों की मिटटी में नमी का अंश कम हो गया है।
इससे सरसों की बिजाई कुछ पिछड़ रही है। इसके अलावा वहां सरसों की फसल को चना तथा गेहूं की चुनौती का सामना भी करना पड़ रहा है। राजस्थान में जौ का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है।
राजस्थान में अक्टूबर के अंत तक चना का क्षेत्रफल 7.25 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो 22.50 लाख हेक्टेयर के नियत लक्ष्य का करीब एक-तिहाई है।
गेहूं तथा जौ की खेती का लक्ष्य 35.81 लाख हेक्टेयर निर्धारित हुआ है जबकि वास्तविक बिजाई महज 56 हजार हेक्टेयर में हुई है। गेहूं की बिजाई का लक्ष्य 32 लाख हेक्टेयर नियत हुआ है जो पिछले साल के वास्तविक क्षेत्रफल 31.06 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।