जालना (महाराष्ट्र), 5 सितंबर (आईएएनएस)। वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने वरिष्ठ नेताओं के साथ मंगलवार को मराठा क्रांति मोर्चा के नेता मनोज जारांगे-पाटिल से मुलाकात की। पाटिल 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर हैं।प्रोफेसर धैर्यवर्धन पुंडकर, प्रोफेसर किसन चव्हाण, अशोक हिंगे-पाटिल, सविता मुंडे, अमित भुईगल और अन्य लोगों के साथ प्रकाश अंबेडकर मंगलवार को उस टेंट में पहुंचे जहां जारांगे-पाटिल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने अंतरावली-सरती गांव में उनके मुद्दे के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
प्रकाश अंबेडकर ने जारांगे-पाटिल की नाजुक हालत को देखकर उनसे आंदोलन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील की।
मराठा नेता के हालिया बयानों का जिक्र करते हुए कि सरकार प्रदर्शनकारियों को निशाना बना सकती है, अंबेडकर ने जारांगे-पाटिल से मरने की बात न करने का आग्रह किया और कहा कि अगर वह नहीं रहेंगे तो आंदोलन का नेतृत्व कौन करेगा।
इसके अलावा अंबेडकर ने कहा, "मैं सभी की ओर से विनती करता हूं कि जारांगे-पाटिल को 'मरने' के बारे में नहीं बोलना चाहिए... मरने से बेहतर है मारना! और अपनी बात साबित करें...क्योंकि यह हमारा देश है, लोकतंत्र में लोग ही असली मालिक हैं। सभी लोग इस बात को समझें।''
रिपोर्ट के अनुसार, जारांगे-पाटिल ने दोहराया कि अगर सरकार मराठा आरक्षण की मांगों को मानने में विफल रही तो वह मंगलवार से पानी भी पीना छोड़ देंगे।
हालांकि, पूर्व विधायक अर्जुन खोतकर सहित सरकारी प्रतिनिधियों ने मंगलवार सुबह उनसे मुलाकात की, उन्होंने मांग के अनुसार दो दिनों के भीतर एक सरकारी प्रस्ताव जारी करने पर आपत्ति व्यक्त की क्योंकि यह फुल-प्रूफ नहीं होगा और कानूनी जांच का सामना करने में असमर्थ होगा।
फिर उन्होंने जारांगे-पाटिल से अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल वापस लेने और सरकार को सभी संभावित कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए कम से कम एक महीने का समय देने का आग्रह किया है।
उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी बयान दिया है कि सरकार मराठा कोटा देने के लिए सकारात्मक और प्रतिबद्ध है लेकिन इसे लागू करने के लिए समय चाहिए।
--आईएएनएस
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