गुवाहाटी, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। असम में गैंडे पर हमला करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिससे अंततः उसकी मौत हो गई। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की निदेशक सोनाली घोष ने बताया कि नरेन सैकिया द्वारा भाले से हमला किए जाने के बाद काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में एक सींग वाली मादा गैंडे की मौत हो गई।
हालांकि, गैंडा घायल अवस्था में जंगल की ओर भाग गई। बाद में अधिकारियों ने ड्रोन की मदद से इसका पता लगाने की कोशिश की।
घोष ने कहा, "हम गुरुवार शाम तक घायल गैंडे का पता नहीं लगा सके, जब उसका शव एक जगह मिला।"
गैंडे पर हमला 24 नवंबर को हुआ था। सैकिया को दो दिन बाद वन विभाग ने गिरफ्तार कर लिया था।
घोष ने कहा, "हमने शुरू में जानवर पर हमला करने के लिए आरोपी को गिरफ्तार किया था लेकिन शव बरामद होने के बाद आरोप बदल दिए गए।"
सैकिया पर अब वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 2 और 9 के तहत आरोप लगाया गया है।
24 नवंबर की रात करीब 8.30 बजे गैंडे की चीख सुनकर कुछ लोग इकट्ठा हो गए।
घोष ने कहा, "जब सैकिया ने ग्रामीणों को देखा तो वह भाग गया, लेकिन आसपास के लोगों ने उसे पहचान लिया। स्थानीय निवासियों से मिली जानकारी के आधार पर उसे पकड़ लिया गया।"
उन्होंने कहा कि भले ही नरेन ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है, लेकिन उसने हमले का कारण नहीं बताया है।
घोष ने कहा, "उसने स्वीकार किया कि उसने जंगली जानवर पर हमला करने के लिए भाले का इस्तेमाल किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उसका इरादा व्यापार के लिए सींग प्राप्त करना था। हम इसे अवैध शिकार की श्रेणी में नहीं रख सकते क्योंकि यह मांस खाने से संबंधित हो सकता है।"
उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग मांस के लिए शिकार करते हैं क्योंकि वे गैंडे और यहां तक कि हाथियों का मांस भी खाते हैं।
घोष ने कहा, "उसने जीव का पूरा शरीर पाने के लिए उसे मारने की कोशिश की लेकिन उसने सींग नहीं काटा।"
असम में हाल के वर्षों में गैंडे के अवैध शिकार में कमी देखी गई है, और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पिछले साल कोई अवैध शिकार नहीं हुआ।
--आईएएनएस
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