iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा है कि उसने समूचे देश में सभी ब्राडों से पॉउडर के रूप में मसालों का सैम्पल एकत्रित किया था और प्रयोगशाला में इसकी जांच करवाई थी लेकिन जिन दो कंपनियों के उत्पादों में एथीलीन ऑक्साइड (ईटीओ) के अवशेष का अंश पाए जाने का दावा किया जा रहा है,
उसमें जांच-परीक्षण के दौरान इसकी उपस्थिति नहीं मिली। भारत की दो नामी-गिरामी एवं लोकप्रिय मसाला कंपनियों के दो-तीन ब्रांडेड उत्पादों में ईटीओ का तथा कथित अंश नेपाल ने भी इसी तरह का कदम उठाया।
लेकिन एफएसएसएआई ने 28 मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में इन कंपनियों के ब्रांडेड मसाला उत्पादों का परीक्षण करवाया जिसमें से 22 लेबोरेट्री की रिपोर्ट आ चुकी है और किसी में भी ईटीओ के अंश की मौजदूगी की पुष्टि नहीं हुई। शेष छह प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।
सिंगापुर तथा हांगकांग में इन दो भारतीय कंपनियों के मसाला उत्पादों की बिक्री पर रोक लगने की घटना का भारत में इसके कारोबार पर भी असर पड़ने की आशंका पैदा हो गई थी।
करीब एक-तिहाई घरों में गृहणियां इसका उपयोग रोकने की इच्छा व्यक्त कर रही थी। इतना ही नहीं बल्कि 58 प्रतिशत खरीदारों को एफएसएसएआई जैसे फूड रेग्लयूलेटर पर भरोसा कम था जबकि ये दोनों कंपनियां बार-बार दावा कर रही हैं कि उसके ब्रांडेड मसाले मानवीय स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षति है और उससे किसी को कोई खतरा नहीं है।
यहां यह भी ध्यान देने लायक तथ्य है कि इन मसालों के लिए सर्वेक्षण सीमित क्षेत्र में हुआ और दो-तिहाई लोगों ने उसे पसंद किया था। इन कंपनियों के उत्पादों की बिक्री अनेक वर्षों से हो रही है।
वैसे भी एथीलीन ऑक्साइड कोई कीटनाशी रसायन नहीं है। इसका उपयोग केवल उत्पादों को सुरक्षति एवं संरक्षित रखने के लिए किया जाता है।