नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम मीट भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दुनिया के सामने पेश करने का मौका देती है।एक उच्च स्तरीय संयुक्त मंत्रिस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर जाने से पहले, विज्ञान मंत्री ने कहा, चूंकि मंच विभिन्न देशों के कम से कम 30 मंत्रियों, सैकड़ों सीईओ, व्यापार जगत के लीडर्स, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों सहित सभी हितधारकों को एक साथ लाएगा, यह भी स्वच्छ ऊर्जा चिंताओं से संबंधित मुद्दों में प्रधानमंत्री मोदी के तहत भारत द्वारा ग्रहण की गई अग्रणी भूमिका की स्वीकृति है।
मंत्री ने कहा कि विशेष रूप से देश और विदेश में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में हालिया सफलताओं के आलोक में वह ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम के पूर्ण और गोलमेज सम्मेलन में बहुत करीबी जुड़ाव की उम्मीद कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा, चूंकि भारत को शून्य की ओर ले जाने के लिए कोई एक मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन (एमओईएफसीसी), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) और भारी उद्योग मंत्रालय (जो इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्च रिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया) योजना को लागू करता है, इस दिशा में भारत के प्रयासों के पीछे काफी हद तक प्रेरक शक्ति रही है।
जितेंद्र सिंह ने याद किया कि पिछले महीने ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) में संप्रेषित करने की मंजूरी दी थी।
भारत ने नवंबर, 2021 में यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी26) के 26वें सत्र में दुनिया को पांच अमृत तत्व पेश करके अपनी जलवायु कार्रवाई को तेज करने के लिए व्यक्त किया।
--आईएएनएस
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