नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को दो बार बोर्ड परीक्षाएं देने का अवसर मिलेगा। हालांकि दो बार बोर्ड परीक्षाएं देना कोई अनिवार्य नियम नहीं होगा। छात्र अपनी सुविधा के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में दो बार बैठने का विकल्प चुन सकते हैं या फिर एक ही बार बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं।इस संबंध में जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 10वीं और 12वीं के छात्रों को साल में बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। मंत्रालय का कहना है कि जिस प्रकार जेईई मेन की परीक्षाएं दो बार आयोजित की जाती इस प्रकार 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं भी साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इसका सीधा-सीधा अर्थ यह है कि ऐसे छात्र, जिन्हें लगता है की प्रथम परीक्षा के में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है तो उन्हें दूसरी बार आयोजित होने वाली परीक्षाओं में बैठने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। हालांकि प्रथम परीक्षा में जो छात्र अच्छा स्कोर नहीं कर सके उनके पास दूसरी बारी आयोजित होने वाली परीक्षा में बैठने का एक और अवसर होगा।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस तरह यह पूरी तरह चॉइस बेस्ड सिस्टम है। सीबीएसई ने अकाउंटेंसी उत्तर पुस्तिका में भी बदलाव की घोषणा की है।
सीबीएसई की एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, बोर्ड ने उन उत्तर पुस्तिकाओं को हटाने का फैसला किया है, जिनमें अकाउंटेंसी विषय में टेबल प्रदान की जाती थीं। इसके अलावा बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किए गए हैं। इसके तहत अब 50 प्रतिशत सवाल कंपीटेंसी बेस्ड होंगे। वर्ष 2024 में बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट से इन सैंपल पेपर का पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। वर्ष 2024 से लागू होने वाले सीबीएसई परीक्षा में एनालिटिकल, कॉन्सेप्ट बेस्ड सवाल ज्यादा आएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके अलावा एमसीक्यू, शॉर्ट आंसर्स सभी में सवालों की वैरायटी यही रहेगी। तकरीबन 50 प्रतिशत सवाल एमसीक्यू, और एक से दो मार्क्स के रूप में बदल दिए गए हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब बोर्ड परीक्षाओं का उद्देश्य छात्रों में विषयों की समझ का मूल्यांकन करना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई पद्धति से कोचिंग और याद रखने की आवश्यकता में कमी आएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के अलावा स्कूली शिक्षा पद्धति में और भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के अंतर्गत11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान विषयों का चयन सीमित नहीं रहेगा। आने वाले दिनों में छात्रों को 11वीं और 12वीं कक्षा में अपनी पसंद के विषय चुनने की सुविधा मिलेगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कक्षा 11 और 12 के छात्रों को कम से कम दो भाषाएं पढ़नी होंगी। मंत्रालय का कहना है कि 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली इन भाषाओं में से एक भारतीय भाषा होनी चाहिए।
गौरतलब है कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा पैटर्न में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सीबीएसई ने यह बदलाव अगले वर्ष 2024 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में करने का फैसला किया है। छात्रों को बदलाव के बारे में समझाने के लिए बकायदा नए सैम्पल पेपर भी रिलीज कर दिए गए हैं।
--आईएएनएस
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