iGrain India - कीव । काला सागर क्षेत्र के रास्ते यूक्रेन को जाने वाले तथा यूक्रेन से आने वाले सभी जहाजों को गैर कानूनी मानने तथा उस पर हमला करने की रूस की धमकी के बावजूद यूक्रेनी गेहूं से लदा दूसरा जहाज उसी रास्ते से होते हुए तुर्की के बंदरगाह पर सुरक्षित पहुंच गया।
इस जहाज पर पलाऊ का झंडा लगा हुआ था और यह यूक्रेन के चोर्नोमोर्स्क बंदरगाह से 17,600 टन गेहूं लादकर मिस्र के लिए रवाना हुआ था। चूंकि यह जहाज अब रूस के प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर निकल चुका है इसलिए अब इसे आगे बढ़ने में कोई खतरा है।
उधर यूक्रेन एक नए समुद्री मार्ग का परीक्षण कर रहा है जो अंतर्राष्ट्रीय जल मार्ग के इस्तेमाल को नजर अंदाज करता है और जो नाटो के दो सदस्यों- बुल्गारिया एवं रोमानिया द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
यह देखना आवश्यक होगा कि नाटो के ये दो सदस्य और यूक्रेन के पड़ोसी देश- यूक्रेनी जहाजों को अपने नियत्रण वाले जल मार्ग से होकर गुजरने की अनुमति देते हैं या उसमें कोई अड़ंगा लगते हैं।
मैरीन ट्रैफिक वेसल्स फाइंडर के अनुसार यूक्रेन से निकला यह दूसरा जहाज 24 सितम्बर को बोस्फोरस जलडमरू मध्य के दक्षिण छोर पर पहुंच गया था और भू मध्य सागर में पहुंचने के लिए दारदानेलिस स्ट्रैट की ओर बढ़ रहा था।
यूक्रेन से जहाजों की इस स्वानगी पर अभी तक रूस की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है और न ही उसने काला सागर क्षेत्र में इसे रोकने का प्रयास किया।
इससे अमरीका तथा यूरोपीय संघ को काफी राहत मिली। उल्लेखनीय है कि प्रयोगिक परीक्षण के तौर पर यूक्रने से जो पहला जहाज रवाना हुआ था वह तुर्की के इस्तांबुल बंदरगाह पर सुरक्षति पहुंच गया था।
इस छोटे जहाज पर केवल 3000 टन गेहूं लदा हुआ था। उस पर पलाऊ का झंडा फहरा रहा था और वह चोर्नोमोर्स्क बंदरगाह से रवाना हुआ था। यूक्रेन का हौसला इससे इससे जरूर बढ़ गया होगा।