भोपाल, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन का दौर जारी है। पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बरकरार रखेगी या कोई नया चेहरा लाएगी, यह बड़ा विषय बना हुआ है। मगर, चर्चा इस बात की है कि पार्टी गैर विधायक को भी मुख्यमंत्री बना सकती है। राज्य की 230 विधानसभा सीटों के चुनाव में भाजपा को 143 स्थान पर जीत मिली है। राज्य में मुख्यमंत्री कौन होगा? यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। राष्ट्रीय नेतृत्व लगभग फैसला कर चुका है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, मगर उसकी अभी तक घोषणा नहीं हुई है। राज्य के तमाम बड़े नेता राष्ट्रीय नेताओं से मेल मुलाकात कर चुके हैं और संभावना इस बात की जताई जा रही है कि गुरुवार की शाम तक पर्यवेक्षक भोपाल आ सकते हैं और विधायक दल की बैठक भी हो सकती है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में राज्य में नया प्रयोग किया था और तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को चुनाव मैदान उतारा था, इनमें से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सांसद गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा है। जबकि, अन्य सभी जीत गए हैं। विधानसभा का चुनाव जीतने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व प्रह्लाद पटेल के अलावा सांसद रीति पाठक, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है।
राज्य में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार के नाम की चर्चा है। इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल के अलावा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रमुख हैं। पार्टी से जुड़े जिम्मेदार पदाधिकारी का कहना है कि जिन तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा को जीत मिली है। वहां पार्टी गुजरात मॉडल को अपना सकती है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि राज्य में गैर विधायक भी मुख्यमंत्री बन सकता है।
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