देहरादून, 7 जुलाई (आईएएनएस)। बारिश के अलर्ट को देखते हुए कुमाऊं के अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल जिलों में शुक्रवार को पहली से 12वीं तक के सभी शासकीय, अशासकीय, निजी विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।पहाड़ से तराई भाबर तक गुरुवार को बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। तराई में जलभराव है और पहाड़ों पर जगह-जगह 57 सड़कें बंद हो गईं।
मौसम विभाग के भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए चारों जिलों के जिलाधिकारी ने इस आशय के आदेश जारी किए हैं। उत्तराखंड में मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आज प्रदेश भर में भारी बारिश के आसार हैं। कुमाऊं के ज्यादातर हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, हरिद्वार सहित अन्य पर्वतीय जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। गुरुवार को हुई बारिश ने पहले ही आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित किया है। नदियां, नहर और नाले उफान पर हैं। लिहाजा एसडीआरएफ, पुलिस, जिला प्रशासन सभी को एलर्ट मोड पर रखा गया है। प्रधानाचार्य, शिक्षक और अन्य स्टाफ को स्कूल जाना होगा।
बागेश्वर में पांच, अल्मोड़ा में नौ, चंपावत में सात, पिथौरागढ़ में 13 और नैनीताल में 23 सड़कें बंद हैं। सड़कों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रसोई गैस, खाद्यान्न सहित अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र के दूध और सब्जी उत्पादक अपने उत्पादों को बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
डीडीहाट के ग्राम सभा खोली भातड़ में मकान का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। भूस्खलन के कारण टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग एक घंटे बंद रहा। धारचूला के दारमा घाटी में चल गांव को जोड़ने वाली धौली नदी किनारे लगी ट्रॉली बह गई है। इस कारण 50 परिवारों का शेष दुनिया से संपर्क कट गया है। नालों के भी रौद्र रूप धारण करने से कीड़ा जड़ी दोहन करने गए 25 लोगों को जान जोखिम में डालकर गांव पहुंचना पड़ा।
ठुलीगाड़ से जौलजीबी के लिए जाने वाली निर्माणाधीन सड़क पर चरण मंदिर के पास मलबा गिर गया। भूस्खलन से पुनाबे सिप्टी सड़क के बंद होने से 40 से अधिक छात्र-छात्राएं सिप्टी जीआईसी नहीं पहुंच सकीं। मार्ग बंद होने से पूर्णागिरि धाम क्षेत्र और आसपास के गांवों का टनकपुर से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है।
अल्मोड़ा में सड़कें बंद होने से 40,000 की आबादी परेशान है। भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भौर्या मोड़ के पास थुवा की पहाड़ी से सुबह 10.30 बजे सड़क पर भारी मात्रा में पत्थर और बोल्डर आ गए जिससे तीन घंटे तक यातायात ठप हो गया।
नैनीताल में पर्यटक गतिविधियां भी दोपहर तक ठप रही और पर्यटक स्थलों में सन्नाटा परसा रहा । नैनीताल में राजभवन रोड का 20 मीटर हिस्सा दरक गया। सुरक्षा के लिहाज से राजभवन रोड पर वाहनों की आवाजाही बंद करा दी गई है। रामनगर में ढेला और टेढ़ा नाले पर बहाव आने से कुछ देर के लिए यातायात बाधित हुआ।
तराई में भी झमाझम बारिश हुई है। रुद्रपुर में कॉलोनियों में पानी भर गया। काशीपुर में सबसे अधिक 128 मिमी और सितारगंज में सबसे कम दो मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। काशीपुर में जगह-जगह जलभराव हो गया। कई काॅलोनियों में पानी भर गया।
उत्तराखंड में सक्रिय हुआ मानसून:
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आर.के. सिंह ने बताया कि मानसून उत्तराखंड में पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। इसके चलते हल्की से मध्यम बारिश आगे भी जारी रहेगी। शुक्रवार और शनिवार को भी तराई में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
--आईएएनए
स्मिता/एकेजे