नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत सौर, पवन ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। इस प्रकार देश में 'हरित जीडीपी' का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिए दुनिया के अन्य देशों को भी इसे अपनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को आर्थिक विकास को मापने के लिए हरित जीडीपी की अवधारणा विकसित करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने माइक्रोसॉफ्ट (NASDAQ:MSFT) के सह-संस्थापक और अरबपति कारोबारी बिल गेट्स से कहा, "हमें पूछना चाहिए कि किसी देश की कुल जीडीपी में से कितनी ग्रीन जीडीपी है। हमें आर्थिक विकास की शब्दावली को बदलने के बारे में सोचने की जरूरत है।"
पीएम मोदी ने कहा, हरित जीडीपी की अवधारणा उत्पादन की पर्यावरणीय लागत को ध्यान में रखती है।
पीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रकृति के अनुकूल इनोवेशन का होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड बनाया है। इसके जरिए युवा उद्यमियों को जलवायु को बचाने के तरीके सहित अन्य प्रौद्योगिकियों पर शोध के लिए 50 साल का ब्याज मुक्त धन प्रदान किया जाता है।
पीएम मोदी ने गेट्स से कहा कि आज विकास के पैमाने प्रतिकूल हैं। अधिक ऊर्जा की खपत या स्टील के उपयोग को विकास कहा जा रहा है, लेकिन इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।
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