चेन्नई, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रख सकती है, हालांकि निकट भविष्य में दर में कटौती बेहतर होगी। ये बात रियल स्टेट और फाइनेंशियल सेक्टर से संबंधित अधिकारियों ने कही है।एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक 4-6 अक्टूबर को होगी, फैसले की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास 6 अक्टूबर को करेंगे।
रमानी शास्त्री ने कहा, “हाल के दिनों में व्यवसायों में उच्च निवेश के साथ अर्थव्यवस्था मजबूत दिख रही है। संपत्ति की कीमतों में सुधार और यील्ड में वृद्धि ने आवासीय संपत्तियों में निवेश को फिर से आकर्षक बना दिया है।”
शास्त्री ने कहा कि घर के मालिक होने के दीर्घकालिक लाभों से इस क्षेत्र में सतत विकास हुआ है।
शास्त्री ने टिप्पणी की, "इसलिए, हम 2023 तक मौजूदा नीति दरों को जारी रखने की उम्मीद करते हैं और निस्संदेह, निकट भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती को प्राथमिकता दी जाएगी।"
आरयूलोन्स डिस्ट्रीब्यूशन के संस्थापक और सीईओ कौशिक मेहता ने कहा, "आगामी मौद्रिक नीति की बैठक ऐसे समय मेें हो रही है जब निवेशक सतर्क हैं लेकिन उम्मीदें कायम हैं। हमें उम्मीद है कि आरबीआई दर स्थिरता बनाए रखेगा, उधारकर्ताओं के लिए संभावनाएं प्रदान करेगा, विशेष रूप से होम लोन पर विचार करने वालों के लिए।"
मेहता ने कहा, “यदि दर स्थिर बनी रहती है और अर्थव्यवस्था अपनी सकारात्मक गति बनाए रखती है, तो हम विशेष रूप से साल के अंत में, त्योहारी सीजन के कारण होम लोन में वृद्धि देख सकते हैं।”
केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को लेकर सतर्क रहते हुए विशेष रूप से त्योहारी सीजन के दौरान आर्थिक विकास को समर्थन देने को प्राथमिकता दे सकता है।
--आईएएनएस
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