नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। जांचकर्ताओं ने दक्षिणी दिल्ली स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जहां कथित तौर पर फर्जी डॉक्टरों द्वारा बिना किसी वैध अनुमति के सर्जरी की जा रही थी।पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) चंदन चौधरी ने आईएएनएस को बताया कि अस्पताल में इस्तेमाल की जा रही ऑपरेशन टेबल 'सेकेंड हैंड और पुरानी' थी।
पुलिस के अनुसार, सर्जरी के दौरान या उसके बाद आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि एक महिला मरीज ने इस अस्पताल में इलाज कराते हुए अपना गर्भाशय खो दिया।
इस बीच, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने भी सबूत जुटाने के लिए केंद्र का दौरा किया।
चौधरी ने कहा कि अग्रवाल मेडिकल सेंटर मामले में तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत पांच दिन के लिए बढ़ा दी गई है।
पिछले हफ्ते, पुलिस ने अयोग्य व्यक्तियों द्वारा अवैध सर्जरी के "पर्याप्त सबूत" मिलने पर डॉ. नीरज अग्रवाल, उनकी पत्नी पूजा अग्रवाल (पूर्व में सहायिका), महेंद्र (पूर्व लैब तकनीशियन) और डॉ. जसप्रीत सिंह (एमबीबीएस, एमएस) को गिरफ्तार किया था।
डीसीपी ने कहा, "नीरज, उसकी पत्नी पूजा और महेंद्र की हिरासत पांच दिनों के लिए बढ़ा दी गई है।"
10 अक्टूबर, 2022 को दिल्ली के संगम विहार की एक महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसके पति की 19 सितंबर, 2022 को अग्रवाल मेडिकल सेंटर में पित्ताशय की पथरी हटाने की सर्जरी हुई थी। शुरुआत में डॉ. नीरज अग्रवाल ने कहा था कि एक प्रसिद्ध सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह सर्जरी करेंगे। हालांकि, सर्जरी से ठीक पहले बताया गया कि कुछ आपात स्थिति के कारण डॉ. जसप्रीत सिंह ऑपरेशन नहीं करेंगे। नीरज अग्रवाल और के साथ महेंद्र सिंह ने सर्जरी की।
महिला ने आगे कहा कि उसे बाद में पता चला कि महेंद्र सिंह और पूजा "फर्जी डॉक्टर" थे।
शिकायत के अनुसार, महिला के पति को सर्जरी के बाद गंभीर दर्द का अनुभव हुआ और बेहोश हो गया। उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया।
चौधरी ने कहा कि जांच से पता चला कि डॉ. जसप्रीत सिंह सर्जरी के दौरान मौजूद नहीं थे और उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनवाए थे।
लापरवाही से मरीजों की मौत के लिए अग्रवाल मेडिकल सेंटर के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में सात शिकायतें दर्ज की गईं।
27 अक्टूबर, 2023 को एक अन्य मरीज जय नारायण की सर्जरी के बाद मौत हो गई। एक मेडिकल बोर्ड ने 1 नवंबर, 2023 को मेडिकल सेंटर में कमियां पाईं।
आगे की जांच से पता चला कि डॉ. नीरज अग्रवाल "अक्सर नकली दस्तावेज तैयार करते थे"।
पुलिस ने अस्पताल से 414 प्रिस्क्रिप्शन पर्चियां भी जब्त की हैं, जिनमें डॉक्टरों के हस्ताक्षर थे और शीर्ष पर काफी खाली जगह छोड़ी गई थी और दो रजिस्टरों में उन मरीजों के विवरण थे, जिनका अस्पताल में गर्भपात किया गया था। डीसीपी ने कहा, "कई प्रतिबंधित दवाएं बरामद की गईं, साथ ही कई इंजेक्शन और एक्सपायर हो चुके सर्जिकल ब्लेड और विभिन्न मरीजों के मूल नुस्खे की पर्चियां भी बरामद की गईं।"
--आईएएनएस
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