नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली कैबिनेट ने गुरुवार को एक बड़ा निर्णय लिया। इसके तहत दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने एससी, एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी एंड हैंडीकैप फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीएसएफडीसी) के कर्मचारियों के रुके हुए वेतन के लिए 17 करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमने डीएसएफडीसी के कर्मचारियों की तनख्वाह भी शुरू करा दी है। यह कॉरपोरेशन हमारे समाज के एससी, एसटी, ओबीसी माइनॉरिटी और दिव्यांगजनों को सस्ती दरों पर लोन देता है। भाजपा वालों ने मुझे जेल भेजकर इस कॉरपोरेशन को भी बंद करने की साजिश रची थी ताकि गरीबों को मदद ना मिल सके। लेकिन, अब मैं आ गया हूं, सारे रूके हुए काम करवा दूंगा।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि डीएसएफडीसी कर्मचारियों का वेतन जारी करने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने 17 करोड़ रुपये के 'ग्रांट इन ऐड' जारी करने का निर्णय लिया है। अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने के बाद बार-बार डीएसएफडीसी कर्मचारियों की तनख्वाह की फाइल पर अडंगा लगाया गया। अरविंद केजरीवाल से नफरत करते-करते दूसरी पार्टी दिल्ली के लोगों से भी इतनी नफरत करने लगी कि इस कॉरपोरेशन के 125 से ज्यादा कर्मचारियों की महीनों तक तनख्वाह रोक दी। लेकिन, अब सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों को पुरानी रुकी तनख्वाह मिलेगी और आगे की तनख्वाह समय पर मिलती रहेगी।
सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के खिलाफ साजिश की गई और कर्मचारियों की तनख्वाह रोकी गई। इसमें डीएसएफडीसी के 125 कर्मचारी भी थे। जिन्हें जनवरी से तनख्वाह नहीं दी गई।
उन्होंने बताया कि हर बार उनकी तनख्वाह की फाइल आगे भेजी जाती थी। लेकिन, उसमें कोई न कोई अडंगा डाल दिया जाता था। लेकिन, आज दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कॉरपोरेशन को 17 करोड़ का 'ग्रांट इन ऐड' देने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि इससे जिन-जिन लोगों की इन कॉरपोरेशन में तनख्वाह रुकी थी, उन्हें जनवरी से अब तक की तनख्वाह दी जाएगी और आने वाले समय में भी तनख्वाह समय पर मिलेगी। कैबिनेट में यह चर्चा भी की गई है कि इस कॉरपोरेशन को कैसे रिवाइव किया जा सके ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सके।
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