नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और इजरायल के संबंध लगातार प्रगाढ़ से प्रगाढ़तम होते जा रहे हैं और इसकी बानगी हिंदी दिवस के अवसर पर 14 सितंबर को एक बार फिर से दिखाई दी।भारत में इजरायली दूतावास ने बॉलीवुड यानी हिंदी सिनेमा के मशहूर डायलॉग्स का उपयोग करते हुए एक वीडियो के जरिए अनोखे अंदाज में हिंदी दिवस की बधाई देते हुए यह कहा कि हिंदी सीखने का सबसे मनोरंजक तरीका है हिंदी सिनेमा देखना। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन इस वीडियो में 'मोहब्बतें' फिल्म के अमिताभ बच्चन के मशहूर डायलॉग 'परंपरा, प्रतिष्ठा और अनुशासन' को दोहराते हुए इसे इजरायली एंबेसी के 3 स्तंभ बता रहे हैं तो वहीं इजरायली एंबेसी के 6 अन्य अधिकारी मशहूर हिंदी फिल्मों के 6 अलग-अलग मशहूर डायलॉग 'एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो ओरी बाबू' , 'बाबू राव है, नहीं देवी प्रसाद है' , 'मैं अपनी फेवरेट हूं ' , 'बाबू मोशाय, जिंदगी बड़ी होनी चाहिए,लंबी नहीं' , 'डेढ़ सौ रुपैया देगा' , 'कौन है, जिसने दोबारा मुड़कर मुझे नहीं देखा' इस वीडियो में बोलते नजर आ रहे हैं।
इजरायली एंबेसी ने इस शानदार और कलात्मक वीडियो को शेयर करते हुए एक्स (पहले ट्विटर ) कर अनोखे अंदाज में हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा, "लाइट्स, कैमरा, एक्शन! हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ! हिंदी सीखने का सबसे मनोरंजक तरीका हैं हिंदी सिनेमा।"
इजरायली एंबेसी ने आगे कहा, " इस मौके पर हिंदी सिनेमा के अपने पसंदीदा डायलॉग्स को अदाकारी की तरीके से प्रस्तुत किया है। कौन सा डायलॉग आपको सबसे ज्यादा पसंद आया?"
इजरायली एंबेसी के अनोखे प्रयास की जमकर तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वीडियो वाले एक्स पर ही रिप्लाई करते हुए कहा, "परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन… ये इस इजराइल एम्बेसी के तीन स्तंभ हैं। भारतीय फिल्मों के डायलॉग के जरिए हिन्दी को लेकर इजराइली दूतावास का यह प्रयास अभिभूत करने वाला है।"
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