भोपाल, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यातायात को सुगम व सुविधाजनक बनाने के लिए बीआरटीएस बनाया गया था। अब यही बीआरटीएस मुसीबत बन रहा है। लिहाजा, नई सरकार इसे हटाने के लिए तैयार हो गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में भोपाल में बीआरटीएस को हटाने पर सहमति बनी। जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बीआरटीएस के कारण यातायात में उत्पन्न हो रही विभिन्न दिक्कतों पर विस्तृत चर्चा हुई, तत्पश्चात यह सहमति बनी।
बैठक में राजधानी में बीआरटीएस की लंबाई के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध रूप से हटाने एवं सड़क के समतलीकरण एवं सुगम यातायात के अनुकूल मार्ग के विकास के कार्यों की योजना पर भी बातचीत हुई। इस बैठक के साथ ही लोक निर्माण विभाग द्वारा लेक कॉरीडोर के प्रस्ताव पर भी प्रस्तुतिकरण एवं चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीआरटीएस से पैदा हुई अनेक समस्याओं के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से बातचीत हुई। भोपाल जिले के विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि, जिनमें मंत्रीगण और विधायकगण शामिल रहे, उनसे भी अनेक सुझाव प्राप्त हुए। बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर सर्वसम्मति से भोपाल के बीआरटीएस को हटाने का निर्णय लिया गया।
इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बीआरटीएस हटाने के निर्णय से व्यस्त मार्गों पर यातायात का दबाव कम हो सकेगा। जनप्रतिनिधि इस बात पर भी सहमत हुए कि स्थानीय परिवहन व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। संपूर्ण यातायात को सुगम बनाया जाएगा।
बीआरटीएस के स्थान पर सेंट्रल रोड डिवाइडर बनाने पर सहमति हुई। राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस के नेता व राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने एक्स पर लिखा, बधाई डॉ. मोहन यादव, एक बहुत प्रतीक्षित निर्णय के लिए। बस, एक टाइम बाउंड एंक्वायरी की जरूरत है। किन नौकरशाह के शौक ने यह जन असुविधा रची।
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