iGrain India - मुम्बई । केन्द्र सरकार ने पीली मटर के शुल्क मुक्त एवं नियंत्रण मुक्त आयात की अवधि को 5 अप्रैल को दूसरी बार बढ़ाते हुए 30 जून 2024 तक नियत कर दिया।
इसका मतलब यह हुआ कि 30 जून तक या उससे पूर्व जारी हुए बिल ऑफ लेडिंग के साथ पीली मटरके सभी शिपमेंट को भारतीय बंदरगाह पर स्वीकार किया जाएगा।
लेकिन हरी मटर का आयात (कनाडा तथा अर्जेन्टीना से) और दून / कस्पा जैसी अन्य किस्मों की मटर का आयात (ऑस्ट्रेलिया से) पहले की भांति प्रतिबंधित रहेगा।
बाजार में ऐसी जोरदार चर्चा (अफवाह) है कि सरकार शीघ्र ही किसी शुल्क एवं शर्त के बगैर हरी मटर के आयात की अनुमति प्रदान कर सकती है।
दिसम्बर 2023 से मार्च 2024 के दौरान देश में 12 लाख टन से अधिक पीली मटर का आयात होने का अनुमान है। इसके तहत रूस से 6.05 लाख टन से ज्यादा एवं कनाडा से करीब 5.50 लाख टन का आयात शामिल है।
इसके अलावा कुछ अन्य देशों से भी पीली मटर का आयात किया जा रहा है। व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि अप्रैल-जून 2024 की तिमाही में भारत में 3-4 लाख टन पीली मटर का और आयात हो सकता है।
दरअसल अधिकांश प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों में मटर की आपूर्ति का ऑफ सीजन चल रहा है। कनाडा, रूस तथा यूक्रेन में मटर की बिजाई शुरू हो गई है जबकि बकाया स्टॉक बहुत कम रह गया है।
ध्यान देने की बात है कि 2016-17 सीजन के दौरान जब भारत में दलहनों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था तब मटर का आयात तेजी से उछलकर 31.70 लाख टन के ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
भारत में लगभग 65-70 प्रतिशत पीली मटर का आयात पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाहों- हजीरा, मूंदड़ा, जेएनपीटी तथा कांडला पर हो रहा है। 6 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद पीली मटर का आयात दोबारा शुरू हुआ है और इससे दलहनों की कीमतों को नियंत्रित रखने में सरकार को सहायता मिल रही है।
घरेलू बाजार में पीली मटर का भाव 40 रुपए प्रति किलो (450 डॉलर प्रति टन) तथा हरी मटर का दाम 75 रुपए प्रति किलो (870 डॉलर प्रति टन) चल रहा है।