शंभु नाथजमशेदपुर, 29 जुलाई (आईएएनएस)। जब मालाबार प्रिंसेस अपने दोनों किनारों पर प्रदर्शित भारतीय ध्वजों के साथ काइरो, जिनेवा और लंदन के हवाई अड्डों पर गर्व से एप्रन पर खड़ी थी, तब इस घटना ने मुझे उत्साह से भर दिया था। मैं भाव-विभोर हो उठा था।
ये पंक्तियां जेआरडी टाटा की हैं, जो उन्होंने 1948 में मुंबई से लंदन के बीच एयर इंडिया की पहली इंटरनेशनल फ्लाइट की शुरूआत होने के ठीक बाद कही थीं। इस पहले भारतीय विमान का नाम मालाबार प्रिंस था।
आज 29 जुलाई को जेआरडी टाटा की 118वीं जयंती है और इस मौके पर उनके दिल के सबसे करीब रहा जमशेदपुर शहर उन्हें शिद्दत के साथ याद कर रहा है। टाटा समूह के सबसे लंबे वक्त तक के चेयरमैन रहे जेआरडी को ही सही मायने में आधुनिक जमशेदपुर का निर्माता माना जाता है। हालांकि इस शहर की बुनियाद 1907 में तब पड़ी थी, जब यहां जमशेदजी नसरवान जी टाटा ने वर्ष 1907 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की स्थापना की थी।
जेआरडी टाटा ने ग्रुप के संस्थापक जेएन टाटा की परिकल्पनाओं को सही मायने में जमीन पर उतारा था। जेआरडी टाटा 19 साल की उम्र में टाटा कंपनी में इंटर्न के तौर पर पहली बार जुड़े थे। 21 की उम्र में उन्होंने टाटा मोटर्स (NS:TAMO), टेल्को, टिस्को, टाटा ग्लोबल बेवरेजिस और टाइटन (NS:TITN) जैसी कंपनियों की शुरुआत की।
आज की तारीख में औद्योगिक घराने यूनियन बाजी को पसंद नहीं करते, लेकिन जेआरडी ऐसे बिरले उद्योगपति थे, जिन्हें मजदूरों के हक के लिए टाटा यूनियन की स्थापना और लेबर कानूनों के प्रेरक के रूप में याद किया जाता है।
जेआरडी के जीवन पर गहरा अध्ययन करने वाले रूपेश कुमार कहते हैं, जेआरडी टाटा ने देश को सड़क से लेकर आकाश तक एक नई रफ्तार और ऊंचाई दी। उन्होंने न सिर्फ देश को पहली एयरलाइंस दी बल्कि रोड ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में बेमिसाल योगदान देने वाले टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी की स्थापना की थी। टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी को अब टाटा मोटर्स के नाम से जाना जाता है।
वर्षों तक भारत सरकार के उपक्रम रहे एयर इंडिया पर आज एक बार फिर टाटा समूह का स्वामित्व कायम हो गया है, लेकिन इसकी स्थापना जेआरडी टाटा ने ही की थी। उनके नेतृत्व में एयर इंडिया ने गुणवत्ता और समयबद्धता का जो कीर्तिमान कायम किया था, वह आज के वक्त में भी दुर्लभ माना जाता है। डेली मेल लंदन की ओर से 1968 में कराये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार, सेवाओं की उत्कृष्टता पर ध्यान देने के कारण एयर इंडिया को दुनिया की एयरलाइनों की सूची में सबसे ऊपर आंका गया था।
विमान सेवाओं का नियमित इस्तेमाल करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट मधुरेश परवार कहते हैं, एक समय में यह बात प्रचलित थी कि जेनेवा के लोग शहर के ऊपर एयर इंडिया की फ्लाइट को देखकर अपनी घड़ियों की सुई सेट करते थे।
शुरूआती दिनों में जेआरडी हर पंद्रह दिन में एक बार खुद एक विमान उड़ाते थे। इन उड़ानों के दौरान वह सटीकता के ऐसे उच्च मानकों पर जोर देते थे कि अन्य पायलटों ने उनके साथ उड़ान भरने से बचने की कोशिश की। जब सिंगापुर एक एयरलाइन शुरू करना चाहता था तो वहां के प्रधानमंत्री ली कुआन यू ने अपनी टीम को एयर इंडिया द्वारा निर्धारित उच्च मानकों का अध्ययन करने की सलाह दी थी।
वह समूह के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले अध्यक्ष थे। समूह को उनका नेतृत्व 50 से अधिक वर्षों तक मिला। भारत में कई प्रमुख संस्थान जेआरडी टाटा के श्रम का फल हैं। उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंसेज और नेशनल सेंटर फॉर द परफॉमिर्ंग आर्ट्स इन इंडिया खोलने में मदद की।
--आईएएनएस
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