नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के प्रयास में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत व्यापार प्रमाणपत्र व्यवस्था को सरल और सुव्यवस्थित करने के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया है।मौजूदा नियमों में कुछ विसंगतियों के कारण, व्यापार प्रमाणपत्र की प्रयोज्यता कई मामलों में व्याख्या के लिए खुली थी, जिससे कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को परेशान किया गया था।
इसके अलावा, आरटीओ में भौतिक रूप से एक आवेदन दाखिल करना आवश्यक था जो एक समय लेने वाली प्रक्रिया थी।
नए नियमों के प्रमुख प्रावधानों में कहा गया है कि केवल उन वाहनों के मामले में ट्रेड सर्टिफिकेट की जरूरत होगी जो न तो पंजीकृत हैं और न ही अस्थायी रूप से पंजीकृत हैं।
ऐसे वाहन केवल मोटर वाहनों के डीलर/निर्माता/आयातक या नियम 126 में निर्दिष्ट एक परीक्षण एजेंसी के कब्जे में हो सकते हैं।
इसने यह भी कहा कि ट्रेड सर्टिफिकेट और ट्रेड रजिस्ट्रेशन मार्क्स के लिए आवेदन वाहन पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा सकता है, उसके लिए आरटीओ जाने की जरूरत है।
इसके अलावा, आवेदक एक ही आवेदन में कई प्रकार के वाहनों के लिए आवेदन कर सकता है।
व्यापार प्रमाणपत्र के अनुदान या नवीनीकरण की समय अवधि 30 दिन निर्धारित की गई है, जिसमें 30 दिनों के भीतर निपटारे नहीं किए गए आवेदनों को स्वीकृत माना जाएगा। नए नियमों के तहत ट्रेड सर्टिफिकेट की वैलिडिटी 12 महीने से बढ़ाकर 5 साल कर दी गई है।
इसके अलावा, डीलरशिप प्राधिकरणों में एकरूपता लाने के लिए एक डीलरशिप प्राधिकरण प्रमाणपत्र (फॉर्म 16ए) पेश किया गया है।
ट्रेड सर्टिफिकेट को डीलरशिप ऑथराइजेशन के साथ को-टर्मिनस बना दिया गया है। शोरूम/गोदाम में डीलरशिप ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट दिखाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
कार्यान्वयन की तिथि 1 नवंबर से प्रस्तावित है। मौजूदा व्यापार प्रमाणपत्र उनके नवीनीकरण के देय होने तक वैध रहेंगे।
--आईएएनएस
एसकेके/एसजीके