नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2023 तक तीन महीने के राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। सीएआईटी ने ई-कॉमर्स को सुव्यवस्थित करने और सरलीकरण के साथ-साथ देश में जीएसटी स्ट्रक्चर को रेशनलाइजेशन बनाने की मांग को लेकर आंदोलन का ऐलान किया है। सीएआईटी ने कहा है कि यह बड़े खेद का विषय है कि तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ई-कॉमर्स नीति और ई-कॉमर्स नियमों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नहीं ला पाई है, जबकि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां खुलेआम सरकार की नाक के नीचे कानून और एफडीआई नीति का उल्लंघन करने पर तुली हुई हैं और अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आगे कहा कि न केवल केंद्र सरकार, बल्कि राज्य सरकारें भी बड़ी दोषी हैं, क्योंकि व्यापार और वाणिज्य एक राज्य का विषय है और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के हाथों जीएसटी राजस्व का भारी नुकसान होने के बाद भी राज्य सरकारें मूक दर्शक बनी हुई हैं। सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश का कारोबारी समुदाय इस बात से निराश है कि ई-कॉमर्स व्यापार पर कोई नीति या नियम नहीं है।
सीएआईटी ने ऐलान किया है कि 1 जनवरी से 7 जनवरी तक पूरे देश में व्यापार संघ एक राष्ट्रीय ई-मेल अभियान चलाएंगे, जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारों और सभी राजनीतिक दलों को बल्क ई-मेल भेजे जाएंगे, ताकि उनका ध्यान आकर्षित किया जा सके।
देशभर के व्यापारी 17 जनवरी को लिबरेट ट्रेड फ्रॉम ई-कॉमर्स डे के रूप में मनाएंगे और व्यापार संघ पूरे देश में धरना देंगे और केंद्र और राज्य सरकारों से सीएआईटी के व्यापारी चार्टर को स्वीकार करने और लागू करने का आग्रह करेंगे। बयान में कहा गया है कि देशभर के व्यापारी 20 जनवरी, 2023 को 1,000 से अधिक स्थानों पर एक दिन का भूख हड़ताल करेंगे।
फरवरी में सभी राज्यों के व्यापार संघ अपने-अपने शहरों में रैलियां निकालेंगे और संबंधित मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों को ज्ञापन सौंपेंगे। मार्च में सभी राज्यों में राज्यस्तरीय व्यापारी सम्मेलन होंगे और अप्रैल 2023 के पहले हफ्ते में तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन नई दिल्ली में होगा।
--आईएएनएस
एफजेड/एसजीके