नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)। देश में वर्ष 2021 और 2022 के दौरान विभिन्न विमानों में तकनीकी खराबी की कुल 1090 घटनाएं दर्ज की गई हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, अग्रणी वाहक इंडिगो के पास सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी है, जिसमें तकनीकी खराबी के 394 मामले दर्ज किए गए, जबकि स्पाइसजेट एयरलाइन में पिछले दो वर्षो के दौरान 313 ऐसे मामले आए।
गौरतलब है कि इंडिगो के बेड़े में 300 विमान हैं, जबकि स्पाइसजेट के बेड़े में करीब 100 विमान हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि विमानों के संचालन के दौरान तकनीकी खराबी का अनुभव होता है। ये विमान में फिट किए गए सिस्टम या उपकरण या घटकों के अनुचित कामकाज/खराबी के कारण हो सकते हैं।
कुछ तकनीकी बाधाओं के लिए उड़ान के चालक दल को कार्रवाई करने की जरूरत हो सकती है, जैसे कि एयर टर्न बैक, निरस्त टेक-ऑफ, या ऑपरेशन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इधर-उधर जाना और आमतौर पर गंभीर घटनाओं/दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लिया जाता है। विमान के आगे संचालन से पहले निर्माता द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के आधार पर ऑपरेटर तकनीकी खराबी को ठीक करने के लिए कार्रवाई करते हैं।
उत्तर में कहा गया- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) यह सुनिश्चित करता है कि एयरलाइन और रखरखाव संगठन के खिलाफ नियामक आवश्यकताओं का पालन करना जारी रखें, जिसे सर्विलांस, ऑडिट, स्पॉट चेक, नाइट सर्विलांस आदि की एक प्रणाली के माध्यम से शुरू में अनुमोदित किया गया है और गैर-अनुपालन के मामले में, डीजीसीए सुनिश्चित करता है कि सुधार एयरलाइंस या रखरखाव संगठन द्वारा किया जाता है।
मंत्रालय ने सूचित किया, डीजीसीए उल्लंघन पाए जाने पर संगठन/कार्मिकों के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई शुरू करता है, जिसमें वित्तीय जुर्माना लगाने के अलावा चेतावनी, निलंबन और निकालना शामिल हो सकता है।
--आईएएनएस
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