नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने भुवनेश्वर में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष नवा दिगंता कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड (एनडीसीएसएल), इसकी समूह कंपनियों नवा दिगंता एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नवा दिगंता प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, नवा दिगंता प्रॉपर्टीज लिमिटेड और उनके निदेशक अंजन कुमार बलियारसिंह, प्रदीप कुमार पटनायक, कार्तिकेय परिदा, रामचंद्र हंसद, सुबर्ण नाइक और हितेश कुमार बगारती के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है।ईडी ने कहा कि आरोपियों ने अपराध से 2.15 करोड़ रुपये की कमाई भी की। कोर्ट ने भी मामले का संज्ञान लिया है।
ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी और आरोपपत्र के आधार पर धन शोधन कानून के तहत जांच शुरू की है। सीबीआई ने एनडीसीएसएल और 10 अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और प्राइज चिट्स एंड मनी सकुर्लेशन स्कीम्स (बैनिंग) एक्ट की की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, धोखाधड़ी से संपत्ति हासिल करने और पैसे के सकुर्लेशन की योजना को बढ़ावा देने और उसका संचालन करने का मामला दर्ज किया था।
जांच में पता चला है कि एनडीसीएसएल और एनडीएआईएल ने रिडीमेबल प्रेफरेंस शेयर और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (इनकम डिबेंचर और वेल्थ डिबेंचर) जारी करके ज्यादा ब्याज के भुगतान का लालच देकर धोखाधड़ी से लोगों से पैसे जमा किए। वे उन्हें पैसे की रसीद और सर्टिफिकेट भी दे रहे थे जबकि वे डिबेंचर जारी करने के लिए अधिकृत नहीं थे। बाद में उन्होंने लोगों से इस तरह एकत्र की गई राशि का गलत इस्तेमाल किया और इसे अपने समूह की कंपनियों एनडीपीजेएल और एनडीपीपीएल को ऋण के रूप में दे दिया।
जांच में पाया गया कि एनडीपीजेएल और एनडीएआईएल के नाम पर पंजीकृत संपत्तियां एनडीसीएसएल और एनडीएआईएल की अवैध कमाई से खरीदी गईं थीं।
इससे पहले ईडी ने आरोपियों की 2.15 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
--आईएएनएस
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