नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। रिलायंस (NS:RELI) कैपिटल (आरसीएपी) के कर्जदाता 26 अप्रैल को दूसरे दौर की नीलामी से पहले बोली लगाने वालों की चिंताएं दूर करने के लिए सोमवार को बैठक करेंगे।हिंदुजा समूह के टोरेंट इन्वेस्टमेंट और इंडसइंड (NS:INBK) इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने निर्धारित नीलामी और इसकी शर्तो पर कई आपत्तियां प्रकट की हैं।
दोनों बोलीदाताओं ने कथित तौर पर लेनदारों की समिति (सीओसी) को बताया है कि जब तक उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल नहीं किया जाता है, तब तक नीलामी में भाग लेने की संभावना नहीं है।
दोनों बोलीदाता अंतिम रूप चाहते हैं, और दूसरे दौर की नीलामी समाप्त होने के बाद मूल्य या नियमों और शर्तो पर कोई बातचीत नहीं होती है।
दूसरी ओर, रिलायंस कैपिटल के दो सबसे बड़े ऋणदाता - कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और एलआईसी इस तरह का कोई भी उपक्रम देने के खिलाफ हैं।
नीलामी के दूसरे दौर में अंतिम बोली मूल्य 13,000 करोड़ रुपये के परिसमापन मूल्य से कम होने की स्थिति में दोनों ऋणदाता आगे की बातचीत के लिए जगह बनाना चाहते हैं। ईपीएफओ और एलआईसी सामूहिक रूप से सीओसी में 30 प्रतिशत से अधिक मतदान अधिकार रखते हैं।
आईआईएचएल ने कहा है कि नीलामी में भाग लेने वाले बोलीदाताओं को एक वचन देना चाहिए कि वे चैलेंज मैकेनिज्म प्रक्रिया के बाहर बोली नहीं देंगे। इसी तरह, बोली लगाने वाले भी सीओसी से एक अंडरटेकिंग चाहते हैं कि उनके द्वारा चैलेंज मैकेनिज्म के बाहर की किसी भी बोली पर विचार नहीं किया जाएगा।
टोरेंट ने हर दौर के बाद घोषित करने का अनुरोध किया है कि अगले दौर में कितने बोलीदाता भाग ले रहे हैं और उनकी बोली का मूल्य क्या है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई-पीठ ने आरकैप की समाधान प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा तीन महीने बढ़ाकर 16 जुलाई कर दी है।
--आईएएनएस
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