iGrain India - मुम्बई । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) की विदेश कृषि सेवा (फास) के भारतीय प्रतिनिधि कार्यालय (उस्डा पोस्ट) ने 2022-23 के मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत में रूई का कुल उत्पादन 277 लाख गांठ (980 पौंड की प्रत्येक गांठ) होने का अनुमान लगाया है जो 2021-22 सीजन के उत्पादन 267 लाख गांठ से 10 लाख गांठ ज्यादा है।
उस्डा पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 2021 -22 सीजन के मुकाबले 2022-23 के खरीफ सीजन के दौरान भारत में कपास का बिजाई क्षेत्र 121.50 लाख हेक्टेयर हेक्टेयर से 2 प्रतिशत बढ़कर 127 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन फसल की औसतन उपज दर 478 किलो प्रति हेक्टेयर से कुछ फिसलकर 475 किलो प्रति हेक्टेयर रह गई।
रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) की शुरूआत के समय भारत में 79.39 लाख गांठ रूई का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि 277 लाख गांठ के उत्पादन एवं 15 लाख गांठ के संभावित आयात के साथ इसकी उपलब्धता 371.39 लाख गांठ पर पहुंचने की उम्मीद है।
इसमें से 55 लाख गांठ का निर्यात एवं 268.00 लाख गांठ का घरेलू उपयोग होगा और मार्केटिंग सीजन के अंत में 48.39 लाख गांठ रूई का बकाया अधिशेष स्टॉक उपलब्ध रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 सीजन के दौरान 119.39 लाख गांठ के विशाल बकाया स्टॉक, 267 लाख गांठ के उत्पादन एवं 10 लाख गांठ के आयात के साथ कपास की कुल उपलब्धता 396.39 लाख गांठ पर पहुंची थी जिसमें से 50 लाख गांठ का निर्यात एवं 267 लाख गांठ का घरेलू उपयोग हुआ और सीजन के अंत में 79.39 लाख गांठ का स्टॉक बच गया था।
2022-23 सीजन के लिए उस्डा पोस्ट ने भारतीय रूई के निर्यात का जो अनुमान लगाया है वह वास्तविक नहीं लगता है। उद्योग-व्यापार क्षेत्र के संघों-संगठनों का कहना है कि 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत से रूई का निर्यात घटकर पिछले अनेक वर्षों के निचले स्तर पर सिमट सकता है।
देश में रूई का बकाया स्टॉक भी उस्डा पोस्ट के अनुमान से काफी कम रहा था जबकि घरेलू उपयोग का अनुमानित आंकड़ा लगभग सामान्य प्रतीत होता है।