पटना, 18 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए से अलग होते ही भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने के प्रयास में जुटे हैं। पहली बैठक पटना में हुई, तो दूसरी बैठक मंगलवार को बेंगलुरु में हुई। इस दौरान विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम 'इंडिया' रखा गया। इधर, भाजपा इस मुद्दे पर निशाना साध रही है। भाजपा के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भ्रष्ट और परिवारवादी विपक्षी दलों के मंच का नाम 'इंडिया' रखने से इनकी खोटी नीयत छिपने वाली नहीं है। इनके इलीट, पश्चिम-प्रभावित और हिंदू-विरोधी 'इंडिया' को करोड़ों गरीबों, पिछड़ों का संस्कृतिनिष्ठ 'भारत' 2024 में मुंहतोड़ जवाब देगा। इंडिया बनाम भारत मैच में जीत भारत की होगी।
मोदी ने कहा कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद और चिटफंड घोटाले में लिप्त ममता बनर्जी जैसे दागी लोग जहां जुटे हैं, उस नए मॉल का नाम बदल लेने से खोटा माल खरा सोना नहीं हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में सबसे बड़ी किरकिरी तो नीतीश कुमार की हुई। उन्हें फर्जी 'इंडिया' का संयोजक न बनाये जाने से नाराज होकर पहले ही बैठक से निकल लेना पड़ा। वे प्रेस कांफ्रेंस में नहीं थे।
बेंगलुरु में नीतीश-विरोधी पोस्टर भी लगाये गए थे, जबकि वहां सरकार कांग्रेस की है। मोदी ने कहा कि इन दलों की पटना बैठक में इसी तरह नाराज होकर दिल्ली लौट गए थे। जो लोग चुनाव से पहले न मन मिला पा रहे हैं, न एक चेहरा तय कर पाए, वे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई चुनौती नहीं दे पाएंगे।
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