सिंगापुर, 28 जुलाई (आईएएनएस)। सिंगापुर के भारतीय मूल के मंत्री के. शनमुगम और विवियन बालकृष्णन ने प्रधानमंत्री ली ह्सियन लूंग के भाई ली ह्सियन यांग को वकीलों के पत्र भेजकर माफी और मानहानि के लिए हर्जाना मांगा है।यांग ने फेसबुक (NASDAQ:META) पोस्ट के जरिए मंत्रियों पर राज्य के स्वामित्व वाले औपनिवेशिक बंगलों के किराये को लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था।
द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मामलों और कानून मंत्री शनमुगम और विदेश मंत्री बालाकृष्णन की भ्रष्टाचार विरोधी जांच हुई थी, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।
मंत्रियों ने गुरुवार को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "ली ह्सियन यांग ने हम पर भ्रष्ट तरीके से काम करने और व्यक्तिगत लाभ के लिए सिंगापुर लैंड अथॉरिटी (एसएलए) द्वारा बिना मंजूरी के पेड़ों को अवैध रूप से काटने और 26 और 31 रिडआउट रोड के नवीनीकरण के लिए एसएलए से भुगतान कराने का आरोप लगाया है। ये आरोप झूठे हैं।''
शनमुगम ने कहा, "हमने उनसे माफी मांगने, अपने आरोप वापस लेने और हर्जाना देने के लिए कहा है, जिसे हम दान में देंगे। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो हम उन पर मुकदमा करेंगे।"
द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली कुआन यू के छोटे बेटे यांग को मंगलवार को फेसबुक पोस्ट पर करेक्शन नोटिस देने के लिए कहा गया था, जो उन्होंने पिछले सप्ताह मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए किया था।
कानून मंत्रालय के एक बयान में मंगलवार को कहा गया कि यांग के फेसबुक पोस्ट में असत्य बयान दिए गए थे, जिसमें यह भी शामिल था कि राज्य ने 26 और 31 रिडाउट रोड के रिनोवेशन के लिए भुगतान किया था, क्योंकि संपत्ति दो मंत्रियों द्वारा लीड पर दी गई थी, और दोनों परिसरों में पेड़ काट दिए गए थे।
भ्रष्ट आचरण जांच ब्यूरो (सीपीआईबी) की जांच और वरिष्ठ मंत्री टेओ ची हेन की समीक्षा के बाद जुलाई में रिडाउट रोड किराये के मुद्दे पर संसद में बहस हुई थी।
सीपीआईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दोनों मंत्रियों की ओर से कोई गलत काम नहीं मिला, टीओ की समीक्षा में पाया गया कि प्रक्रियाओं का पालन किया गया था।
स्ट्रेट्स टाइम्स ने बताया कि न्यायिक कार्यवाही के दौरान झूठ बोलने के कारण पुलिस जांच के दायरे में आने के बाद यांग और उनकी पत्नी ली सुएट फर्न ने सिंगापुर छोड़ दिया था।
अपने फेसबुक पोस्ट में, यांग ने कहा था कि रिडआउट रोड और भ्रष्टाचार की जांच के तहत परिवहन मंत्री एस. ईश्वरन की गिरफ्तारी सहित अन्य हालिया प्रकरणों के कारण पीएपी (पीपुल्स एक्शन पार्टी) पर भरोसा टूट गया है।
--आईएएनएस
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