भोपाल,7 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने की शुरुआत हो गई है। सरकार के फैसले से पुलिस जवान और उनके परिजन खुश हैं। वहीं राजनीतिक दलों में सियासी बयानबाजी हो रही है। दरअसल, राज्य में पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने का सिलसिला सोमवार से शुरु हो गया। इसके तहत राज्य में हर रोज लगभग 7,000 पुलिस जवानों को अवकाश मिलने की संभावना है। साथ ही विशेष परिस्थितियों को लेकर सरकार की ओर से कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
सरकार के फैसले पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा के बाद आज से पुलिसकर्मियों को वीक ऑफ मिल रहा है। कमलनाथ को समझना चाहिए कि सरकार चलाने और मुंह चलाने में फर्क होता है।
वहीं, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, मुझे खुशी है कि आज से मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों को फिर से साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था शुरू की जा रही है। मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था। लेकिन, शिवराज सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था।
उन्होंने आगे कहा, यह बात इसलिए याद दिला रहा हूं कि नीयत को समझना जरूरी है। एक तरफ कांग्रेस है, जिसने सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया, दूसरी तरफ भाजपा है, जिसे 18 साल तक साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई, बल्कि उसने पुलिसकर्मियों का अधिकार छीना। साप्ताहिक अवकाश बहाल करके शिवराज सरकार पुलिसकर्मियों के साथ किए गए अन्याय का प्रायश्चित करने की कोशिश कर रही है। अगर यह प्रायश्चित सच्चे दिल से होता तब भी कोई बात थी, लेकिन पुलिसकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह तो मामा की चुनावी चाल है।
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