iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में दाल-दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता की जटिल स्थिति तथा कीमतों में तेजी-मजबूती को देखते हुए केन्द्र सरकार ने रूस से मसूर के आयात की समय सीमा 30 जून 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि रूस से आयातित मसूर में पहले तीन तरह के कीड़ों की उपस्थिति पाई गई थी। रूस द्वारा इसे नियंत्रित करने का आश्वासन देने के बाद एक बार के लिए वहां से भारत में मार्च 2022 तक मसूर के आयात की अनुमति दी गई थी।
इस बीच रूस से कहा गया कि कीड़ों को खत्म करने के लिए किए जाने वाले उपायों और बंदरगाहों पर मिसाइल ब्रोमाइड से धुआंकरण (खेप वाले जहाजों में) के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाए। इसकी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के पौध संरक्षण प्रकोष्ठ में सहायक निदेशक (असिस्टेंट डायरेक्टर) ने कहा है कि 30 जून 2024 तक रूस से कुछ शर्तों के साथ मसूर के आयात की अनुमति दी गई है।
इसके लिए आयातकों को अलग से यह घोषणा करनी पड़ेगी कि रूस से आयातित मसूर की खेप पूर्व में चिन्हित क्वारंटाइन कीड़ों-मकोड़ों की उपस्थिति से पूरी तरह मुक्त है।
सरकार ने एक महत्वपूर्ण राहत देते हुए मूल उद्गम (निर्यातक) देश के बंदरगाहों पर जहाजों में धुआंकरण नहीं करने पर लगने वाले चार गुणा जुर्माने की फीस को 30 जून 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया है। इससे आयातकों को रूस से बड़ी मात्रा में और सुविधाजनक ढंग से मसूर मंगाने में सहायता मिलेगी।
सहायक निदेशक ने कहा है कि अब इस मामले में कोई दुविधा या भ्रम नहीं है कि रूस से मसूर का आयात करने की अनुमति दी गई है। यह फिलहाल स्थायी नहीं बल्कि एक बार के लिए दी गई स्वीकृति है जो एक अंतरिम (तात्कालिक) उपाय के रूप में प्रदान की गई है।
वैसे प्लांट क्वारंटाइन (पीक्यू) आर्डर 2023 में रूस से मसूर के होने वाले आयात के लिए फायटो सैनिटरी इम्पोर्ट रिक्वायरमेंट (पीआईआर) को स्थायी रूप से शामिल करने पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है।