जालना, 5 सितंबर (आईएएनएस)। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे मराठा क्रांति मोर्चा के नेता, मनोज जारांगे-पाटिल मंगलवार को अपने रुख पर अड़े रहे कि महाराष्ट्र सरकार को मराठा कोटा पर एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करना चाहिए।
सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर और अन्य के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जारांगे-पाटिल से दोबारा मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वे अपना अनशन समाप्त कर दें और सरकार को आरक्षण को फुलप्रूफ तरीके से अंतिम रूप देने के लिए एक महीने का समय दें, जो कानूनी जांच में खरा उतर सके।
लेकिन जारांगे-पाटिल ने मानने से इनकार कर दिया और भूख हड़ताल जारी रखनेे का संकल्प जताया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा भेजा गया एक और प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर बाद यहां पहुंचेगा।
जारांगे-पाटिल ने बढ़ती कमजोरी के कारण गद्दे पर लेटे हुए कहा, “हमारी अपेक्षा एक निर्णय और जीआर है। पूरे राज्य को उम्मीद है कि हमें आज आरक्षण मिल जाएगा।''
कमजोर स्वास्थ्य के चलते उन्होंने सोमवार रात को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मंगलवार को अपने फैसले की घोषणा नहीं की तो वह पानी पीना भी बंद कर देंगे, इससे नई चिंता पैदा हो गई है।
इस बीच, वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर के अंतरवली-सरती गांव में जारांगे-पाटिल का दौरा करने की संभावना है, जहां 1 सितंबर को प्रदर्शनकारी भीड़ पर लाठीचार्ज और आंसू गैस सहित बड़े पैमाने पर पुलिस कार्रवाई हुई थी।
मराठा समुदाय की भारी राजनीतिक प्रतिक्रिया और सभी राजनीतिक दलों की ओर से व्यापक निंदा से घिरे उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने सोमवार को स्थानीय अस्पतालों में इलाज करा रहे पुलिस कार्रवाई के पीड़ितों से माफी मांगी।
--आईएएनएस
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