चेन्नई, 25 सितंबर (आईएएनएस)। श्रीलंकाइयों द्वारा कथित तौर पर बीच समुद्र में भारतीय मछुआरों पर हुये हमले के विरोध में तमिलनाडु के नागापट्टनम् और रामनाथपुरम् जिलों में सोमवार को मछुआरों ने विरोध-प्रदर्शन किये। नागापट्टनम के मछुआरे संघ के अध्यक्ष सुंदरराजन ने आईएएनएस को बताया कि मछुआरे दो जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अगर राज्य और केंद्र सरकार ने भारतीय मछुआरों पर हमला करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की तो तमिलनाडु के सभी मछुआरे विरोध में शामिल होंगे।
मछुआरों के अनुसार, हमला शनिवार देर रात बीच समुद्र में हुआ। हमलावरों ने मछली पकड़ने के जाल, जीपीएस, मोबाइल फोन और हजारों रुपये मूल्य की मछली सहित कीमती सामान जब्त कर लिया। मछुआरों ने कहा कि वे हमले का विरोध करने की स्थिति में नहीं थे और उन्हें रविवार सुबह घर लौटना पड़ा।
मछुआरों की पहचान चार भाइयों प्रदीप (34), प्रकाश (32), प्रवीण (30) और थिरुमुरुगन (27) के रूप में हुई है। वे अपने पिता की नाव में मछली पकड़ रहे थे।
मछुआरों ने कहा कि वे 21 सितंबर को मछली पकड़ने गए थे और प्वाइंट कैलिमेरे के पास मछली पकड़ रहे थे, तभी सात लोगों से भरी एक मोटर बोट आई और उनसे सारा सामान मांगने लगे। जब मछुआरों ने सामान देने से इनकार कर दिया, तो उन पर घातक हथियारों से हमला किया गया, जिससे वे घायल हो गए।
घायल मछुआरों को अब नागापट्टनम सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वेलानकन्नी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
भारतीय राष्ट्रीय मछुआरा संघ के अध्यक्ष आर.एम.पी. राजेंदिरा नट्टर ने मीडियाकर्मियों से हा कि मछुआरों को हमले में श्रीलंकाई सरकार की संलिप्तता का संदेह है।
मछुआरा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे हमलों पर चुप है। उन्होंने श्रीलंका सरकार से भी ऐसे हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया।
--आईएएनएस
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