काहिरा, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। मिस्र गाजा के साथ अपनी राफा सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है, इस आशंका के साथ कि इजरायल हजारों फिलिस्तीनी शरणार्थियों को सीमा पार से सिनाई रेगिस्तान में भेजना चाहता है।द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, काहिरा ने कहा है कि इतने सारे फिलिस्तीनियों को उनके घरों से निकालना अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा और मिस्र के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम होगा, जिससे देश की बीमार अर्थव्यवस्था दिवालिया हो सकती है।
स्वयं फ़िलिस्तीनियों और अन्य अरब राज्यों को डर है कि शरणार्थियों को कभी भी उनके घरों में वापस जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने कहा है कि गाजा में फिलिस्तीनियों को "डटे रहना चाहिए और अपनी जमीन पर बने रहना चाहिए।"
तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फ़िदान ने कहा कि वह मिस्र के साथ पूरी तरह सहमत हैं।
उन्होंने काहिरा में कहा : “मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि हम इज़रायल को अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। हम फ़िलिस्तीनियों के विस्थापन के ख़िलाफ़ हैं। हम मिस्र को निष्कासन की नीति को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी ने अपने जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक से मुलाकात की और इस बात पर जोर दिया कि वह राफा गेट पर इंतजार कर रहे अमेरिकी नागरिकों सहित गाजा में फंसे विदेशी नागरिकों को तब तक जाने की अनुमति नहीं देंगे, जब तक कि इज़रायल क्षेत्र में सहायता काफिले को भेजने की अनुमति नहीं देता।
--आईएएनएस
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