नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में एक करोड़ से अधिक हवाई यात्रियों ने सरकार की उड़ान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना का लाभ उठाया है।नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने गुरुवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2016 में इसकी स्थापना के बाद से एक करोड़ से अधिक हवाई यात्रियों ने लाभ उठाया है।
जवाब में कहा गया है कि यह योजना टियर-2 और टियर-3 शहरों के बीच कनेक्टिविटी पर केंद्रित है और लाभार्थियों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी, क्योंकि हवाई अड्डों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 अक्टूबर, 2016 को उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना शुरू की थी, ताकि हवाई यात्रा को आम जनता के लिए सस्ती बनाकर देश में अनारक्षित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों से क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाया जा सके।
अब तक, देश भर में 425 उड़ान मार्गों का संचालन किया गया है, जिसमें 68 उड़ान हवाई अड्डों को जोड़ा गया है, जिसमें दो वाटर एयरोड्रोम और आठ हेलीपोर्ट शामिल हैं।
सिंह के जवाब के अनुसार, सरकार ने राज्य सरकारों, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), सिविल एन्क्लेव, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों के पुनरुद्धार और विकास के लिए कुल 4,500 करोड़ रुपये की एक योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत 30 जून 2022 तक 2,610 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
एक हवाईअड्डा जो उड़ान के प्रदान किए गए मार्गों में शामिल है और जिसे आरसीएस (क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना) संचालन शुरू करने के लिए उन्नयन/विकास की आवश्यकता है, को अप्रयुक्त और कम सेवा वाले हवाई अड्डों/हेलीपोर्ट्स/वाटर एयरोड्रोम के पुनरुद्धार/अपग्रेडेशन योजना के तहत विकसित किया गया है।
उड़ान योजना का लाभ उठाने वाले हवाई यात्रियों का वर्षवार विवरण:
- 2017-18: 2,63,166
- 2018-19: 12,40,896
- 2019-20: 29,91,337
- 2020-21: 14,98,066
- 2021-22: 32,99,860
--आईएएनएस
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