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उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में अगले पांच दिनों में भारी बारिश होने का अनुमान

प्रकाशित 28/06/2023, 05:34 pm
उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में अगले पांच दिनों में भारी बारिश होने का अनुमान
NICKEL
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iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्वी एवं पश्चिमी भाग, उत्तराखंड तथा राजस्थान में दूर-दूर तक भारी से लेकर अत्यन्त भारी वर्षा होने की भविष्यवाणी की है जिससे वहां बारिश की कमी का संकट खत्म हो जाएगा।

लेकिन इसके साथ ही नदियों का जल स्तर बढ़ेगा और मूसलाधार बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा बढ़ जाएगा। मौसम विभाग ने कुछ इसी तरह के हालात देश के मध्यवर्ती भाग के अनेक इलाकों, पूर्वी तथा पूर्वोत्त्तर भारत, पश्चिमी तटीय क्षेत्र और दक्षिणी राज्यों में भी बनने की संभावना व्यक्त की है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून न केवल पूरी तरह सक्रिय हो गया है बल्कि इसे और आगे बढ़ाने तथा सघन बनाने के लिए कई सकारात्मक परिस्थितियां भी उत्पन्न हो गई हैं। 

मूसलाधार बारिश होने पर उत्तर प्रदेश के किसानों को खासकर धान की रोपाई करने में काफी सहायता मिलेगी। बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश धान-चावल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है।

पिछले साल वहां मानसून सीजन के दौरान सामान्य औसत से काफी कम बारिश होने के कारण धान का क्षेत्रफल और उत्पादन कुछ घट गया था लेकिन चालू वर्ष के दौरान वर्षा की स्थिति बेहतर दिखाई पड़ रही है।

गत वर्ष बंगाल, बिहार एवं झारखंड में भी वर्षा की कमी से धान की खेती एवं पैदावार प्रभावित हुई थी। इस बार बिहार को छोड़कर अन्य राज्यों में हालत काफी सुधरने के संकेत मिल रहे हैं।

बिहार में दक्षिण-पश्चिम मानसून प्रवेश तो कर चुका है लेकिन कई भागों तक इसकी पहुंच नहीं हो पाई है। उम्मीद की जा रही है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह तक हर क्षेत्र में मानसून पहुंच जाएगा। राजस्थान में भारी वर्षा का दौर जारी है जिससे धान की खेती में किसानों की सक्रियता बढ़ गई है।

लेकिन जिन इलाकों के खेतों में पानी भरा हुआ है या जरूरत से ज्यादा नमी मौजूद है वहां अन्य खरीफ फसलों की बिजाई में देर हो रही है। 

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में भारी वर्षा की चेतावनी पहले ही जारी हो चुकी है।

वहां बासमती धान की खेती के लिए किसान अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भारी वर्षा एवं खेतों में जल जमाव के कारण दलहन-तिलहन फसलों की बिजाई पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।

जहां बिजाई हो चुकी है और पौधे जमीन से बाहर निकल चुके है वहां सामान्य बारिश से फसल को लाभ होने की उम्मीद है।

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