नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्र की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव के निर्माण के लिए डीईसी इंफ्रास्ट्रक्च र सबसे कम बोली लगाने वाले के रूप में सामने आया है।एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय शामिल हैं।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि हैदराबाद स्थित डीईसी इंफ्रास्ट्रक्च र एंड प्रोजेक्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने लगभग 1,189 करोड़ रुपये की राशि का हवाला दिया था, जो सीपीडब्ल्यूडी द्वारा अनुमानित 1,328 करोड़ रुपये की लागत से 10.44 प्रतिशत कम है। अनुमानित लागत में पांच साल के लिए रखरखाव और हाउसकीपिंग भी शामिल है।
नई संसद का निर्माण जोरों पर है और टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड इस परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 1,407 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी जबकि लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने लगभग 1,424 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
इंडिया हाउस का उपयोग हैदराबाद हाउस की तरह एक सम्मेलन सुविधा के रूप में किया जाएगा जहां उच्च स्तरीय वार्ता, विशेष रूप से विभिन्न देशों के शीर्ष अतिथि नेताओं के साथ, वर्तमान में आयोजित की जाती है।
विजय चौक से इंडिया गेट तक फैले सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास कार्य शापूरजी पालनजी एंड कंपनी लिमिटेड कर रहा है।
नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास में एक नया संसद भवन, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के राजपथ का सुधार, एक नया कार्यालय और प्रधानमंत्री का निवास, और उपराष्ट्रपति का एंक्लेव शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के नए भवन के निर्माण में लगे मजदूरों से बातचीत की। नए संसद भवन का निर्माण इस साल अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है।
सरकार के अनुसार, सेंट्रल विस्टा परियोजना के समग्र प्रभाव को सतत शहरी विकास के कई पहलुओं पर महसूस किया जाएगा। यह न केवल एक परियोजना है जो हमारी राष्ट्रीय विरासत की महिमा को वापस लाएगी, बल्कि रोजगार सृजन, आर्थिक विकास, पर्यावरणीय उपयुक्तता और कई अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों को भी मजबूत करेगी।
--आईएएनएस
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