बेंगलुरू, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। जेनरेटिव एआई टूल्स भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं। कम से कम 92 प्रतिशत ऑर्गेनाइजेशन जेनएआई को एक संभावित सुरक्षा जोखिम मानते हैं।क्लाउड सिक्योरिटी प्रोवाइडर जेडस्केलर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 95 प्रतिशत ऑर्गेनाइजेशन किसी न किसी रूप में जेनरेटिव एआई टूल का उपयोग कर रहे हैं, उनमें से 75 प्रतिशत अभी तक चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव एआई टूल का उपयोग न करने के लिए स्किल या टैलेंट की कमी को स्वीकार करते हैं।
भारत में लगभग 71 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं कि सामान्य कर्मचारी नहीं, बल्कि आईटी टीमें उपयोग के पीछे जबरदस्त ताकत बनकर उभरती हैं।
जेडस्केलर के एपीजे के सीटीओ सुदीप बनर्जी ने कहा, ''हमारा सर्वे जेनरेटिव एआई अपनाने की गतिशीलता को रेखांकित करता है। जेनरेटिव एआई टेक्नोलॉजी की पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए जीरो ट्रस्ट प्रिंसिपल्स और स्किल्स डेवलपमेंट दोनों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।''
उन्होंने कहा, "जीरो ट्रस्ट सॉल्यूशन को एकीकृत करने से हर एक यूजर और एप्लिकेशन के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग पर पूर्ण नियंत्रण मिल सकता है, जिससे ऑर्गेनाइजेशन को एक सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण बनाए रखने की अनुमति मिलती है।''
सर्वे में शामिल 22 प्रतिशत लोग जेनरेटिव एआई के उपयोग की बिल्कुल भी निगरानी नहीं कर रहे हैं, और 36 प्रतिशत ने अभी तक किसी भी अतिरिक्त जेनरेटिव एआई-संबंधित सुरक्षा उपायों को लागू नहीं किया है, हालांकि कई लोगों ने इसे अपने रोडमैप पर रखा है।
जेडस्केलर के वीपी प्रोडक्ट मैनेजमेंट संजय कालरा ने कहा, "उनके (जेनएआई टूल्स) सुरक्षा उपायों को लेकर मौजूदा अस्पष्टता के साथ, भारत में केवल 30 प्रतिशत ऑर्गेनाइजेशन इन्हें अपनाने को खतरे के बजाय एक अवसर के रूप में देखते हैं।"
उन्होंने कहा, "यह न केवल उनके बिजनेस और कस्टमर डेटा इंटीग्रिटी को खतरे में डालता है, बल्कि उनकी जबरदस्त क्षमता को भी बर्बाद करता है।"
कालरा ने कहा, "फैक्ट यह है कि आईटी टीमें शीर्ष पर हैं, जिससे बिजनेस लीडर्स को आश्वासन की भावना मिलनी चाहिए।"
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत में 75 प्रतिशत उत्तरदाताओं को साल के अंत से पहले जेनरेटिव एआई टूल्स के प्रति रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है, ऑर्गेनाइजेशन को उपयोग और सुरक्षा के बीच अंतर को कम करने के लिए शीघ्रता से कार्य करने की आवश्यकता है।
--आईएएनएस
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