जम्मू, 8 सितंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है। सभी दलों के नेता अपनी जीत को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं।
इसी कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस मूल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं, इसलिए वह राम मंदिर को लेकर बयानबाजी कर रही हैं। ये उनका कसूर नहीं है। क्योंकि जिस पार्टी के साथ उन्होंने गठबंधन किया है, उस पार्टी का राम मंदिर को लेकर क्या रुख रहा है, वो सबको पता है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस राम मंदिर के विरोध में थे। इन लोगों का इरादा अनुच्छेद 370 को वापस लाना लाने का है। क्या ये लोग कश्मीर से आतंकवाद को हटाएंगे या उसको और बढ़ाएंगे। क्या जो आतंकी हैं, उनके परिवारजनों को नौकरियां देंगे। क्या जो पत्थरबाज थे, उनकी सजा माफ करेंगे। इन सवालों का जवाब इन लोगों को देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह लोग अफजल गुरु के फांसी को गलत बताने वाले लोग हैं। ये लोग जम्मू-कश्मीर की जनता का मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। विधानसभा चुनाव में करारी हार को देखते हुए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। ये लोग पोलराइजेशन के आधार पर वोट चाह रहे हैं। जनता ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगी और विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएगी।
वहीं पीडीपी के घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के घोषणा पत्र का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काना है। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस चाहती हैं कि जम्मू-कश्मीर में बम, बंदूक, गोली और ग्रेनेड की आवाजें गूंजती रहें।
उन्होंने कहा कि अब, जब जम्मू-कश्मीर शांति की ओर बढ़ रहा है, वहां कोई पथराव नहीं हो रहा, कोई हड़ताल नहीं हो रही, समाज के सभी वर्ग हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सौहार्दपूर्वक एक साथ रह रहे हैं, तो शायद यही बात नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस को असहज कर रही है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों चुनाव होने हैं। बीते दिनों चुनाव आयोग ने घाटी में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। पहले चरण की वोटिंग 18 सितंबर, दूसरे चरण की 25 सितंबर और तीसरे चरण की एक अक्टूबर को होगी। नतीजों की घोषणा आठ अक्टूबर को होगी।
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