करनाल, 19 जून (आईएएनएस)। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है। ऐसे में कई नेता अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं और दूसरी पार्टियां उसका फायदा उठाने में जुटी हुई हैं।हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू और भिवानी के तोशाम से विधायक किरण चौधरी और उनकी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी ने भाजपा का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और सीएम नायब सैनी ने भाजपा मुख्यालय में दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
सीएम नायब सैनी ने किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने पर कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस में परिवारवाद चरम पर है। कांग्रेस में जो प्रतिष्ठित लोग हैं, उन्हें अब सम्मान नहीं मिल रहा है। उन्हें कांग्रेस में अब घुटन महसूस हो रही है। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए लगे हुए हैं। प्रतिष्ठित लोगों को कांग्रेस ने दरकिनार कर दिया है, कई बड़े नेता कांग्रेस से जाने वाले हैं। कांग्रेस में एक ही परिवार की चलती है। सभी बड़े नेताओं की बलि दी जा रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हमला बोलते हुए सैनी ने कहा कि दस साल जब हुड्डा राज्य के सीएम थे, तब कांग्रेस ने नौकरी में खाली सीट को क्यों नहीं भरी, गरीब के बेटे को पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य का मुख्य सेवक बना दिया तो विपक्षी पार्टियों के पेट में दर्द हो रहा है। इनका पेट खराब हो गया है। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया। हुड्डा राज्यपाल के पास जाने की बात करते हैं। पहले अपने विधायक तो इक्कठा कर लें। विधानसभा चुनाव में गरीब लोग कांग्रेस का सूपड़ा साफ करेंगे।
वहीं प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर सीएम सैनी ने कहा कि यह परिवारवाद की राजनीति है। परिवार के बाहर कांग्रेस के नेता सोच ही नहीं सकते। वहां कोई और कार्यकर्ता ऊचे पदों पर नहीं पहुंच सकता। कांग्रेस लगातार दो डिजिट में बनी हुई है और कांग्रेस में ऐसा माहौल है जैसे कल ही शपथ लेंगे।
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