नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के लिए एक जून को मतदान होना है। चुनाव प्रचार के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ खास बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने लोकसभा चुनाव, राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) सहित कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद कश्मीर के लोग मुख्यधारा के साथ जुड़ रहे हैं, इसका कारण है कि जब आर्टिकल 370 थी तब भी वो लोग वोट नहीं डाल रहे थे। लेकिन, इस बार जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत के प्रमुख लोगों तक ने भी वोटिंग की और ये भी कहा कि हम भारतीय संविधान के तहत वोटिंग कर रहे हैं। अब जम्मू-कश्मीर भारतीय संविधान के तहत ही चल रहा है। मैं मानता हूं कि पीएम मोदी की जम्मू-कश्मीर पॉलिसी सफल रही। इतने सालों की तुष्टीकरण की राजनीति को संभालने का प्रयास किया गया। पीएम मोदी ने आर्टिकल 370 और 35ए को समाप्त किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि घाटी में स्पष्ट संदेश दिया गया है कि आप लोग भी भारत का हिस्सा हैं। पूरे भारत में घाटी के लोगों का बराबर अधिकार है और बाकी लोगों का भी घाटी में उतना ही अधिकार है। इसके कारण वहां लोकतंत्र की नींव बड़ी मजबूत हुई है। केवल लोकसभा चुनाव नहीं बल्कि पंचायत चुनाव में 90 फीसदी तक वोटिंग हुई। इस बार के लोकसभा चुनाव में 90 के दशक के बाद पहली बार बाकी हिस्सों जैसी ही वोटिंग हुई है, जो बहुत बड़ी सफलता है और हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि हम 1950 से आर्टिकल 370 को हटाने की बात कह रहे हैं। लेकिन, लोगों को भरोसा नहीं था। इसलिए, 370 का हटना लोगों को सरप्राइज लगता है जो कि हमें तो नहीं लगता। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण भी सरप्राइज नहीं लगता है। हम तो इसके लिए हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में प्रस्ताव लाए थे कि राम जन्मभूमि पर संवैधानिक रास्ते से अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनना चाहिए। यह हमारा कमिटमेंट था, जिसे हमने पूरा किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी देश की पार्लियामेंट का कमिटमेंट है। भारतीय जनता पार्टी का भी कमिटमेंट है कि पीओके भारत का हिस्सा है, इसमें किसी को भी कोई शंका होने का कारण नहीं है। हालांकि, इस मुद्दे पर फैसला कब किया जाएगा, इस पर गृह मंत्री ने कहा कि ऐसे फैसले यूं सार्वजनिक नहीं किए जा सकते हैं। जब फैसले होंगे तो ये अपने आप ही मालूम पड़ जाएगा।
--आईएएनएस
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