जयपुर, 10 जुलाई (आईएएनएस)। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने बुधवार को अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। वित्त मंत्री दीया कुमारी ने सदन में सदस्यों की मौजूदगी में करीब 2 घंटे 50 मिनट का बजट भाषण पढ़ा, जिसमें प्रदेश के विकास के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। लेकिन, बजट जैसे बड़े मौके पर भी सदन में कई वरिष्ठ नेता नजर नहीं आए। इसे लेकर प्रदेश में सियासी हलचल शुरू हो गई है। हालांकि, बजट सत्र के बाद भी मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे सदन में मौजूद नहीं रहे। इनके अलावा कई अन्य विधायक भी सदन से गायब रहे। लेकिन, तीनों दिग्गजों की गैर-मौजूदगी से सियासी बाजार गर्म हो गया। वहीं, दूसरी ओर विधानसभा चुनाव हार चुके कुछ नेता मौजूद रहे, जिनकी उपस्थिति ने लोगों को हैरान कर दिया।
इसी बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की भी बजट को लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के स्वर्णिम विकास के लिए जो आधारशिला रखी गई है, 2047 में राजस्थान देश-दुनिया का आधुनिक राज्य बने, इसकी मजबूत आधारशिला रखी गई है।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "आजादी के बाद राजस्थान का सबसे बड़ा कैपिटल एक्सपेंडिचर बनेगा, जब 44,000 करोड़ रुपये राजस्थान के आधारभूत संरचनाओं के लिए लगाया जाएगा। एक तरफ बजट किसानों को समर्पित है तो दूसरी ओर नौजवानों को चार लाख नौकरियां देने के लिए बजट लाया गया है और उनके साथ स्किल्स से जोड़कर नौजवानों को दस लाख नौकरियां दी जाएगी। यही परिकल्पना भजनलाल सरकार की है।"
बता दें कि विपक्ष ने बजट के दौरान किरोड़ी लाल की अनुपस्थिति को कई बार मुद्दा बनाया। इसे लेकर सदन में कई बार हंगामा हुआ। वित्त मंत्री जब बजट को लेकर भाषण दे रही थीं, तो कांग्रेस नेता कई बार पूछते नजर आए कि किरोड़ी लाल सदन में आ रहे हैं या नहीं। अंत में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने उन्हें सख्त लहजे में चेतावनी भी दी।
--आईएएनएस
राजेश/एबीएम