नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों - चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक - के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।
पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।
गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।
तीन आरोपियों - वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।
हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।
राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।
राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।
याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।
अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।
--आईएएनएस
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