iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन में 1 अक्टूबर 2023 से 6 मई 2024 के दौरान केन्द्रीय पूल के लिए 475 लाख टन चावल (उसके समतुल्य धान) की खरीद हुई
जो 2022-23 सीजन की समान अवधि की खरीद से 3 प्रतिशत कम है। खाद्य मंत्रालय ने 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए कुल 627 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य नियत किया है जिसके 76 प्रतिशत भाग की खरीद अब तक हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि खरीफ कालीन धान की खरीद पहले ही हो चुकी है जबकि अब रबी कालीन धान की खरीद हो रही है। ध्यान से चावल की औसत रिकवरी दर 67 प्रतिशत मानी जाती है।
रबी कालीन धान की खरीद 1 अप्रैल से आरंभ होकर महज जून तक जारी रहती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में अभी रबी कालीन धान की खरीद हो रही है
जबकि उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल में खरीद की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2022-23 सीजन की तुलना में 2023-24 सीजन के दौरान चावल की सरकारी खरीद तेलंगाना में 11 प्रतिशत गिरकर 38.40 लाख टन तथा आंध्र प्रदेश में 18 प्रतिशत घटकर 17 लाख टन पर सिमट गई। इसमें खरीफ और रबी दोनों सीजन की खरीद शामिल है।
2023-24 सीजन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य सामान्य श्रेणी के लिए 2183 रुपए प्रति क्विंटल तथा 'ए' ग्रेड के लिए 2203 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
खरीदे गए धान को कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को दिया जाता है और फिर मिलर्स को इसके बदले में खाद्य निगम को चावल की आपूर्ति करनी पड़ती है।
अब तक खाद्य निगम को मिलर्स की ओर से 292 लाख टन चावल प्राप्त हो चुका है जबकि 183 लाख टन अतिरिक्त चावल प्राप्त होना बाकी है। उड़ीसा में खरीदारों में इस बार एक माह की देर हो गई और मई के अंत तक इसकी प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।