गाजियाबाद, 16 जून (आईएएनएस )। एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद स्टेशन के पास मेट्रो लाइन और सड़क मार्ग पुल को पार करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के सबसे लंबे स्टील स्पैन (पुल) को सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया है। यह स्टील का पुल 150 मीटर लंबा है और इसका वजन लगभग 3200 टन है। इस स्पैन को 25 मीटर ऊंचाई के तीन पिलर्स पर स्थापित किया गया है। इस स्टील स्पैन की सफल स्थापना के साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण का एक और पड़ाव पूरा कर लिया गया है। इस स्टील स्पैन में 8 समानान्तर गर्डर्स लगे हैं और जल्द ही इस पर ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू होगा।
इस स्पैन के जरिये एनसीआरटीसी ने साहिबाबाद की ओर से आ रहे वायाडक्ट को गाजियाबाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म से जोड़ा है। इस स्पैन के तैयार होने से साहिबाबाद स्टेशन और गाजियाबाद स्टेशन के बीच वायाडक्ट पूरी तरह से तैयार हो गया है। यह स्टील स्पैन साहिबाबाद से दुहाई तक के 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड का हिस्सा है, जिसे वर्ष 2023 तक परिचालित करने का लक्ष्य है।
अब तक एनसीआरटीसी ऐसे पांच स्टील स्पैन लगा चुकी है, एक गाजि़याबाद में रेलवे क्रासिंग पर, एक गाजि़याबाद आरआरटीएस स्टेशन के पास मेट्रो वायाडक्ट के ऊपर, और तीन ईस्टर्न पेरिफेरेल पर दुहाई और मेरठ आने-जाने के लिए।
एनसीआरटीसी ने इस स्टील स्पैन की स्थापना सभी सुरक्षा उपायों के साथ मेट्रो लाइन और सड़क मार्ग पुल संबंधी विभागों के पूर्ण सहयोग द्वारा की है। चूंकि यह बहुत ही भारी-भरकम इस्पात संरचना होती है, इस विशाल स्टील स्पैन की स्थापना क्रेन से टेंडम लिफ्टिंग के जरिये की गई है। यह कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण और जटिल था जिसे सफलतापूर्वक तरीके से सम्पन्न कर लिया गया है।
आरआरटीएस कॉरिडोर के एलिवेटेड वायडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर्स खड़ा करता है। जिसके बाद इन पिलर्स को आरआरटीएस वायडक्ट स्पैन बनाने के लिए लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) की मदद से प्री-कास्ट सेगमेंट को जोड़ा जाता है।
प्राथमिकता खंड में वायडक्ट के निर्माण के साथ ही सभी पांच स्टेशनों, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। गाजियाबाद से दुहाई के बीच के वायाडक्ट पर रेल पटरियों को जोड़ने का काम भी जारी है।
एनसीआरटीसी ने निर्माण स्थलों में और उसके आसपास व्यापक प्रदूषण नियंत्रण उपाय करते हुए निर्माण की गति को बनाए रखा है। विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम नियमित रूप से इन उपायों की प्रभावशीलता की निगरानी कर रही है और जहां भी आवश्यक हो गतिविधियों को तेज कर रही है।
--आईएएनएस
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