नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने आयातित सामानों के मामले में कथित तौर पर अधिक मूल्यांकन के मामले में अदानी (NS:APSE) पावर महाराष्ट्र लिमिटेड (एपीएमएल), अदानी पावर राजस्थान लिमिटेड (एपीआरएल) और अन्य के खिलाफ सीमा शुल्क विभाग की अपील खारिज कर दी।जस्टिस कृष्णा मुरारी और संजय करोल की पीठ ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा एपीएमएल, एपीआरएल और अन्य के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया।
घटनाक्रम से परिचित वकील के अनुसार, शीर्ष अदालत ने पाया कि एपीएमएल और एपीआरएल की परियोजना लागत या तो समान थी या साथियों/प्रतिस्पर्धियों की कीमत से कम थी।
वकील ने कहा कि कीमत केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) द्वारा तय किए गए बेंचमार्क प्रति मेगावाट लागत से कम थी और अनुबंध एक ईपीसी अनुबंध था, जो दुनिया भर में बोली लगाने के बाद सबसे कम बोली लगाने वाले को दिया गया था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली (आईसीबी) कहा जाता है।
वकील के अनुसार, शीर्ष अदालत ने निर्णायक प्राधिकरण के साथ-साथ अपीलीय न्यायाधिकरण के निष्कर्षों को बरकरार रखा और पुष्टि की कि पूंजीगत वस्तुओं के आयात में कोई अधिक मूल्यांकन नहीं हुआ था।
अदानी की कंपनियों ने महाराष्ट्र और राजस्थान में थर्मल पावर परियोजनाओं की स्थापना के लिए आवश्यक सामान आयात किया था।
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने मई 2014 में एपीएमएल, एपीआरएल, एमईजीपीटीसीएल और अन्य को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया था, जिसमें पूंजीगत वस्तुओं के आयात में अधिक मूल्यांकन का आरोप लगाया गया था।
--आईएएनएस
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