नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। डिजिटल तरीके से दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों के भंडारण, और सत्यापन के लिए देश का पहला सुरक्षित क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म डिजिलॉकर ने 100 मिलियन यूजर्स के आंकड़ें को पार कर लिया है।इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा 2016 में लॉन्च किया गया, डिजिलॉकर भारतीयों को एक सुरक्षित क्लाउड प्लेटफॉर्म पर 568 विभिन्न दस्तावेजों की एक प्रति को डिजिटल रूप से संग्रहीत करने में सक्षम बनाता है।
आधार कार्ड के विवरण के नेतृत्व में, ऐप ने अब तक लगभग 4.94 बिलियन दस्तावेज जारी किए हैं और वर्तमान में इसके 101.1 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।
डिजिटल इंडिया पहल के तहत शुरू किया गया मंच, भारत सरकार द्वारा समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया था जो कागज रहित शासन के विचार को लक्षित करता है।
सरकार के अनुसार, डिजिलॉकर ने भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को समाप्त कर दिया है, उन्हें कभी भी, कहीं भी एक्सेस करने में मदद करता है और ऑनलाइन साझा करने और जालसाजी से बचने में सक्षम है।
ऐप के माध्यम से, सेल्फ-लोडेड दस्तावेजों को ई-साइन सुविधा का उपयोग करके डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जा सकता है, जो कि सेल्फ अटेस्टेशन की प्रक्रिया के समान है।
यह ई-दस्तावेजों और ऐसे आधिकारिक प्रमाणपत्रों के लिंक को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिए एक व्यक्तिगत भंडारण स्थान है।
एक नागरिक के ²ष्टिकोण से, यह भौतिक दस्तावेजों को ले जाने की परेशानी को कम करता है।
डिजिटल इंडिया का एक उद्देश्य यह है कि एक व्यक्ति के पास सार्वजनिक क्लाउड पर निजी स्थान होना चाहिए। डिजिटल लॉकर खाता डिजिटल प्रारूप में प्रमाणपत्रों को संग्रहीत करने का एक सुविधाजनक तरीका है।
--आईएएनएस
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