चेन्नई, 19 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु सरकार राज्य में किसानों द्वारा बाजरा की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए दो बाजरा विशेष क्षेत्र बनाएगी। ये जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के.पनीरसेल्वम ने दी।राज्य विधानसभा में शनिवार को 2022-23 के लिए कृषि बजट पेश करते हुए पनीरसेल्वम ने कहा कि बाजरा का उत्पादन बढ़ाने के लिए तमिलनाडु बाजरा मिशन के तहत दो बाजरा विशेष क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे।
दो क्षेत्रों में तिरुवन्नामलाई, सलेम, कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, कुड्डालोर, धर्मपुरी, कृष्णागिरी और वेल्लोर जिले एक क्षेत्र के रूप में शामिल होंगे और थूथुकुडी, विरुधुनगर, मदुरै, तेनकासी, रामनाथपुरम, शिवगंगई, थेनी, त्रिची, करूर, डिंडीगुलअरियालुरस दूसरे क्षेत्र के रूप में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि बाजरा दिखने में छोटा होता है, लेकिन शरीर को मजबूत बनाने के लिए अत्यधिक पौष्टिक होता है।
इस अवधारणा का समर्थन करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया है।
उन्होंने कहा कि बाजरा पोषण के महत्व पर जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर बाजरा उत्सव आयोजित किए जाएंगे।
खेती से लेकर मूल्यवर्धन के साथ उपज के विपणन तक की गतिविधियों के लिए सहायता से किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
यह योजना केंद्र और राज्य सरकार के कोष से कुल 92 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ लागू की जाएगी।
पन्नीरसेल्वम ने कहा, स्वयं सहायता समूहों के बीच बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार तमिलनाडु राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 1 करोड़ रुपये की लागत से 500 सीमांत किसानों को समर्थन देने के लिए कदम उठाएगी।
उनके अनुसार पानी की अधिकता वाली फसलों के विकल्प के रूप में बाजरा और दलहन की खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार फसल विविधीकरण और बाजरा की खेती को प्रोत्साहित करेगी।
दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए कृष्णागिरी, धर्मपुरी, तिरुवन्नामलाई और सेलम जिलों को मिलाकर एक विशेष रेडग्राम जोन बनाया जाएगा।
कटी हुई दालों के प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन के लिए कदम उठाए जाएंगे। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि यह योजना 2022-23 के दौरान केंद्र और राज्य सरकार के फंड से 60 करोड़ रुपये के परिव्यय से लागू की जाएगी।
तमिलनाडु सरकार भी 2022-23 के दौरान 19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती के लिए कदम उठाएगी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के फंड के तहत 32.48 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ अधिक उपज प्राप्त करने के लिए रणनीतिक धान की खेती कार्यक्रम लागू किया जाएगा।
फसल बीमा के संबंध में पन्नीरसेल्वम ने कहा कि 2022-23 में राज्य के प्रीमियम सब्सिडी के हिस्से के रूप में 2,399 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
उनके अनुसार, वर्ष 2020-21 के लिए फसल बीमा दावों के रूप में 9.26 लाख किसानों को 2,055 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है।
--आईएएनएस
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